Address of Hon’ble Lt. Governor on the Centenary Year Convocation of Jamia Millia Islamia University. 23.07.2023

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वाईस चांसलर प्रो. नजमा अख्तर जी

रजिस्ट्रार, प्रो. नाजिम हुसैन जाफ़री जी

अज़ीज़ तलबा, ख्वातीन व हज़रात

 

  1. जामिया मिलिया इस्लामिया के इस तारीखी सद्साला कनवोकेशन की तक़रीब का हिस्सा बनकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। 1920 में क़याम और 1925 में कैंपस के अलीगढ से दिल्ली मुन्तक़िल करने के बाद से, इस इदारे ने दर हकीकत, मुल्क की एक बेहतरीन यूनिवर्सिटी के तौर पर एक तवील सफर तै किया

 

  1. मैं इस हकीकत से वाक़िफ़ हूं कि यहाँ मौजूद तलबा, मुल्क के कोने कोने से आते हैं और हिंदुस्तान की रूह और इसकी मुस्तक़बिल की नुमाइंदगी करते हैं। मैं इस यूनिवर्सिटी के तलबा और फैकल्टी को इसका मुस्तहिक़ ऐज़ाज़ा हासिल करने पर मुबारकबाद देता हूँ, और मुझे यक़ीन है कि, वाईस चांसलर प्रोफेसर नजमा अख्तर की क़यादत में यूनिवर्सिटी नई बुलंदियों को छू लेगी।

 

  1. दोस्तों, यह इदारा एक शानदार तारिख का हामिल है । जामिया मिलिया इस्लामिया ने 1920 में अलीगढ में एक मामूली शुरआत की, इसकी स्थापना में मौलाना मोहम्मद अली जौहर, मौलाना महमूद हसन, हकीम अजमल खान, .एम. ख्वाजा, डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी और डॉ. जाकिर हुसैन जैसे महारथी शामिल थे । इसका मक़सद एक ऐसा इदारा बनाना था जो हिंदुस्तानियत और pluralism की रूह को ज़ाहिर करे ।

 

  1. जामिया का एक क़ौमी इदारे के तौर पर तसवुर किया गया था जो तमाम कम्युनिटीज के तलबा को तरक्की पसंद तालीम और क़ौम परस्त नज़रियात पेश करेगा । जामिया के क़याम की हिमायत गाँधी जी और टैगोर ने की, जिन्होंने मह्सूस किया कि ये इदारा मुश्तरका सक़ाफ़त और आलमी नज़रिये की बुनियाद पर सैंकड़ों और हज़ारों तलबा की ज़िन्दगियों को आकार दे सकता है । जामिया की तरक्की, तलबा, फैकल्टी और अनेक लोगों की क़ुर्बानियों का सिला है।

 

  1. दिल्ली की मुख्तलिफ यूनिवर्सिटीज और इदारों का चांसलर होने की हैयत से मुझे बेहद  ख़ुशी हो रही है कि, गुज़रे दो सालों से जामिया, मुल्क की तीसरी आला दर्जे की यूनिवर्सिटी बन गयी है और National Assessment & Accreditation Council (NAAC) की जानिब से इसे A++ की रैंकिंग मिली है। मुझे यक़ीन है के ये दुसरे सूबों की यूनिवर्सिटीज के लिए एक मिसाल होगी । क़ौमी तालीमी पालिसी-NEP-2020 ने यूनिवर्सिटी को आलमी सतह पर जाने के लिये भरपूर empower किया है

 

  1. दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के तौर पर मैंने इस यूनिवर्सिटी की तरक्की की रफ़्तार पर बहुत गहरी नज़र रखी है । यूनिवर्सिटी के तलबा ने हालिया बरसों में कई बार वज़ीरे आज़म रिसर्च फ़ेलोशिप, हासिल करने के अलावा, कई National और International ऐज़ाज़ात हासिल कर, इदारे का सर फक्र से बुलंद किया है   IAS, IPS और दीगर सर्विसेज में दाखिल होने के लिए Civil Services परीक्षा में कामयाबी के साथ qualify किया है ।

 

  1. जामिया की Residential Coaching Academy, अकलियतों, ख़वातीन और दीगर पसमांदा तबकों के लिए बेहतरीन खिदमत अंजाम दे रही है । ये UPSC इम्तहानात में टॉपर पैदा करता है । आज शाम गोल्ड मेडल तक़सीम करने की तक़रीब, तलबा की शानदार काबिलियत का एक और सबूत है

 

  1. प्यारे तलबा, जिन्हें आज गोल्ड मेडल से नवाज़ा जा रहा है, ये आप के लिए तारीखी दिन है । ये तमग़ा, जहाँ आप की सलाहियत को तस्लीम करता है, और आप को बहुत बड़ा ऐज़ाज़ देता है, वहीँ आप के कांधो पर एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी भी डालता है मैं आप को इस शानदार सफलता के लिए मुबारकबाद देता हूँ  

 

  1. इस इम्तियाज़ को हासिल करने के लिए सख्त मेहनत करने के बाद आप को कामयाबी और इतमीनान का अहसास होना चाहिए। ये आप के लिए एक फक्र का लम्हा है । साथ ही ये ज़िन्दगी का वह संगम भी है जहाँ आपको, आगे बढ़ने के रास्ते को तरजीह देनी होगी। आप जिस दिशा में काम करने का इंतिखाब करते हैं, आप की कोशिश परिवार, समाज और बड़े पैमाने पर क़ौम के लिए होनी चाहिए।

 

  1. मेरे ख्याल में, आप रोशन और नौजवान क़ौमी asset हैं, और यह आपकी priority होनी चाहिए कि देश के सामने जो मुद्दे हैं, उनका हल कैसे निकला जाये । चूंकि हम रोजगार, भूख, पीने के पानी, सफाई, बुनयादी ढाँचे, सेहत, अपराध और gender justice जैसे तमाम मसाइलों से दो-चार हैं, आपकी कोशिशें, इन मुद्दों का हल तलाश करने की दिशा में होनी चाहिए ।

 

  1. प्यारे तलबा, ये मेरी राय है कि, आप अपनी तालीम को तब ही मुफीद बना सकते हैं, जब आप खुद को समाज के लिए मुफीद बनाएंगे हम सब ने अभी कुछ दिन पहले दिल्ली में, हालिया बारिशों और युमना में सैलाब से पैदा हुए गंभीर तकलीफों का सामना किया है । दिल्ली में बुनयादी ढांचो की इस तरह की तबाही का मशाहीदा, एक शर्मनाक बात है । इस ने हमारी तरक्की की रफ़्तार और हमारे policies पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं

 

  1. आपको यह मालुम होगा कि हिंदुस्तान में जब भी ऐसे हालात पैदा हुए, जब भी आसमानी या इंसानी कारणों से जलजले, सैलाब या दिगर तूफ़ान आये, तब प्रधानमंत्री, जनाब नरेन्द्र मोदी जी ने, सियासतदानी से ऊपर उठकर, इंसानियत के फर्ज निभाए । अनेक सूबों और कौम के लोगों के हित में, COVID, भूकंप या समुद्री तूफानों के समय उनकी रहनुमाई, काबिल ए तारीफ़ रही है । दिल्ली में हालिया तकलीफों के दौरान भी उन्होंने, फ्रांस में पेरिस से, लगातार मुझ से फोन पर बात कर, relief, rehabilitation और reconstruction को दिशा दी ।     

 

  1. ताहम, ये हमारे लिए सीखने और मुस्तक़बिल का रास्ता बदलने का मौक़ा होना चाहिए। जैसा कि महात्मा गाँधी ने कहा था, नाकामी का मौसम, कामयाबी के बीज बोने का बेहतरीन वक़्त है. The season of failure is the best time for sowing the seeds of success”.  आगे का सफ़र आसान नहीं होगा, पर मुझे भरोसा है कि अपनी डिग्रियों को हासिल करने के क्रम में, आपको जो exposure, knowledge और experience मिला होगा, उनसे आप तमाम चैलेंजों से निपटने में सफ़ल होंगे ।

 

  1. I have reasons to believe that Jamia, under the leadership of the Vice Chancellor, Prof. Najma Akhtar would offer academic programmes in critical and emerging technologies of the 21st Century, like Artificial Intelligence, block-chain, Internet of Things (IOT), 3D printing, virtual and augmented reality and quantum computing, besides training students in problem-solving, critical thinking, creativity and communication.

 

  1. Even as we orient to future in terms of technological progress, there is a necessity to promote traditional knowledge systems such as Ayurveda, Unani, Siddha and Yoga. It is through this combination of modern learning and time-tested knowledge systems, coming down to us from our ancestors, that India can achieve economic and emotional wellness.

 

  1. I’m delighted to learn that Jamia today holds the torch of illumination giving shape to ideas and fostering innovation and entrepreneurship. Living up to the promises of the founding fathers, it strives to realize its vision “to create a humane universe that offers inclusiveness, equity, fellowship, justice and peace, for one and all”. It continues to serve the nation by offering quality teaching and research through the production of competent, skilled and sensitive human resource that would transform physical and human environment under the eternal principle of ‘Vasudhaiva Kutumbakam’ (The World is One Family’).
  2. आखिर में, मैं अपने नोजवानों से ये नसीहत करना चाहूंगा कि वो, अपने इर्दगिर्द, तमाम तिफ़र्क़ा-अंगेज़ क़ूवतों (divisive forces) को शिकस्त देने का जिम्मा उठाएं, ताकी हम जम्हूरी इक़दार को बरक़रार रख सकें और तक़सीरियत के उन उसूलों को फ़रोग़ दे सकें जो, आईंन के founding fathers ने तसवुर किया था । में इस सिलसले में, आप को हर मुमकिन समर्थन और तआवुन का यक़ीन दिलाता हूँ । मेरा दफ्तर, दिल्ली में, आवामी उमूर से मुतालिक, हर मामलात पर, आप के ख़यालात का खैर मक़दम करने के लिए हमेशा तैयार है। जब भी आप ऐसी ज़रूरत महसूस करें तो मुझे लिखें या मुझ से राब्ता करें।

 

  1. एक बार फिर मैं, आज तमाम गोल्ड मेडल हासिल करने वालों को मुबारकबाद देता हूँ । मैं आपके वाल्दैन, रिश्तेदारों, दोस्तों, असात्ज़ा को भी मुबारकबाद पेश करता हूँ जिन्होंने आप का साथ दिया है और जिन्हीने आपको हिंदुस्तान और इंसानियत की खिदमत में सबक़त हासिल करने की तरग़ीब दी है । मेरी नेक ख्वाहिशें आप के साथ हैं और मुस्तक़बिल की कोशिशों के लिए मैं हमेशा आप के साथ हूँ ।

 

शुक्रिया, जय हिन्द

 

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