- उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल ने वायु प्रदूषण की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
- यद्यपि पिछले वर्ष की तुलना में वायु गुणवत्ता की स्थिति में सुधार देखा गया है फिर भी और भी सुधार के लिए प्रयास जारी रहें।
- प्लास्टिक कचरे के जलाने और कुड़े के गलत तरीके से फैलाने पर कार्यवाही की जाए।
- चिन्ह्ति हाट-स्पाट और निकटवर्ती क्षेत्रों के लिए माइक्रो प्लान बनाएं: उपराज्यपाल
- पर्यावरण मार्शलों की संख्या बढाई जाए:
- अनुमोदित ईधंन की अधिसूचना का अनुपालन सख्ती से करवाया जाए।
उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल ने आज राज निवास में ईपीसीए के चेयरमैन द्वारा आयोजित वायु प्रदूषण की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें उन्होंने बवाना, नरेला, आनंद विहार और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या एवं औद्योगिक रबड़ और प्लास्टिक अपशिष्टों का अनुचित निपटान एवं इसके इन क्षेत्रों में बडे पैमाने पर कुडे़ को जलाने की स्थिति की समीक्षा की।
इस बैठक में माननीय मंत्री (वन एवं पर्यावरण), दिल्ली सरकार, मुख्य सचिव, दिल्ली, डा. भूरेलाल, चेयरमेन ऐपका, सचिव, (पर्यावरण), दिल्ली सरकार, निगमायुक्त, विशेष आयुक्त, (यातायात), दिल्ली पुलिस, सदस्य सचिव, डीपीसीसी, श्रीमती सुनीता नारायण, महानिदेशक, (सैन्टर फार साइंस एंड इन्वायरमेंट) और अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
सचिव, पर्यावरण ने बवाना, नरेला, आनंद विहार एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण संबंधी मुद्दों और इसके रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में एक प्रजेंटेशन दिया। इसके अतिरिक्त ईपीसीए अध्यक्ष, ने प्रदूषण हाट-स्पाट क्षेत्रों के संबंध में जहां प्लास्टिकों एवं रबर अपशिष्टों को जलाने के कारण, टैªफिक की अवयवस्था, पार्किंग की समस्याओं एवं गैर चिन्ह्ति क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाने वाली ईकाइयों से होने वाले प्रदूषण को चिन्ह्ति किया गया है उन पर चर्चा की।
चर्चा के दौरान यह भी पाया गया कि इस वर्ष विशेष क्षेत्रों में सामान्यतः प्रदूषण में लगभग गतवर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत की कमी देखी गई है।
इस बात पर जोर दिया गया कि प्रदूषण रोकने के लिए और कदम उठाए जाएं। अनुमोदित ईधंन की अधिसूचना का अनुपालन सख्ती से करवाया जाए ताकि वायु प्रदूषण में अत्यधिक सुधार हो सके।
मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार, ने सूचित किया कि बैक्वेट हालों इत्यादि के परिचालन एवं नियंत्रण के लिए और इन-हाउस पार्किंग, अग्नि सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, पानी के दुरुपयोग, वायु एवं जल प्रदूषण एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इत्यादि मुद्दों के लिए एक व्यापक नीति तैयार की जा रही है।
यह भी सूचित किया गया कि मुंडका, बवाना, नरेला, टीकरी एवं इसके आसपास के क्षेत्रों से 35,000 हजार मीट्रिक टन रबर एवं प्लास्टिक अपशिष्टों को एकत्रित कर उसे उचित निपटान हेतु वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भेजा गया है। इस कदम से दिल्ली अग्नि शमन विभाग के डाटा के अनुसार इन क्षेत्रों में आग की दुर्घटनाओं में कमी आई है।
पर्यावरण मार्शलों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की गई और यह निर्णय लिया गया कि उनकी संख्या बढ़ाई जाए।
लिबर्टी सिनेमा से टीकरी बार्डर एवं जखीरा, पंजाबी बाग एवं पीरा गढ़ी इन्टर सैक्शन के पास यातायात प्रबंधन की स्थिति पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की गई और दिल्ली टैªफिक पुलिस को इन क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाने के निर्देश दिए गए।
इस बात पर भी चर्चा की गई कि प्रदूषण वाले चिन्ह्ति स्थलों पर विस्तृत रूप से माइक्रो लेबल प्लान बनाया जाएगा। इस पर भी विचार किया गया कि गैर चिन्ह्ति क्षेत्रों में चल रहे अवैध उद्योगों को संबंधित नगर निकायों द्वारा बंद किया जाएगा।
उपराज्यपाल महोदय, ईपीसीए अध्यक्ष एवं माननीय पर्यावरण मंत्री ने सभी संबंधित एजेंसियों जैसे रेलवे, लोक निर्माण विभाग, तीनों नगर निगमों, डीएसआइआइडीसी एवं डीडीए को सभी निर्देशों को सख्ती से पालन कराने और वायु प्रदूषण के नियंत्रण हेतु सभी संभावित कदमों को उठाने के निर्देश दिए।