उपराज्यपाल ने दिल्ली नगर निगम की संपत्ति कर नीति में बड़े बदलावों की घोषणा की।

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11-07-2022
  • उपराज्यपाल ने दिल्ली नगर निगम की संपत्ति कर नीति में बड़े बदलावों की घोषणा की।
  • उपराज्यपाल ने कचरा प्रबंधन पारिस्थितिकी तंत्र में आरडब्ल्यूए को भागीदार बनाते हुए सह-भागिता का किया शुभारंभ। आरडब्ल्यूए के लिए कर संग्रह दक्षता प्रोत्साहन किया गया शुरू।
  • अपशिष्ट पृथक्करण, विकेंद्रीकृत प्रसंस्करण, पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग बनेंगे निगम के संपत्ति कर संरचना में अतिरिक्त छूट/रियायतों की धुरी

 
उपराज्यपाल, श्री वी के सक्सेना ने आज दिल्ली नगर निगम के संपत्ति कर ढांचे में बड़े नीतिगत बदलावों की घोषणा की और सह-भागिता नामक एक योजना का शुभारंभ किया है, जो आरडब्ल्यूए को कर संग्रहण और अपशिष्ट प्रबंधन पारिस्थितिकी तंत्र में भागीदार बनाएगी है।
यह नई समान नीति संपत्ति कर संरचना लंबे समय से लंबित युक्तिकरण को संबोधित करती है। संपत्ति कर संरचना में अतिरिक्त छूट / रियायतों के लिए अपशिष्ट पृथक्करण, विकेंद्रीकृत प्रसंस्करण, पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग को धुरी बनाया गया है।
 
यह नीति सहभागिता नामक एक नई पहल के साथ आई है जो सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से विकास कार्यों सहित संपत्ति कर संग्रह और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को जोड़ती है। सहभागिता पहल का उद्देश्य रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को प्रोत्साहित कर के कर संग्रह में दक्षता और अनुपालन में सुधार करना है। 90% कर संग्रह दक्षता प्राप्त करने पर आरडब्ल्यूए अपने क्षेत्रों में कर संग्रह के 10% तक या 1 लाख रुपये की सीमा तक के विकास कार्य की सिफारिश कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यदि संबंधित कॉलोनी स्रोत पर 100% अपशिष्ट पृथक्करण लागू करती है, कॉलोनी में गीले कचरे का संयोजन करती है, पुन: चक्रीय सूखे कचरे का पुन: चक्रण करती है और बचे हुए सूखे कचरे को दिल्ली नगर निगम या उसकी अधिकृत एजेंसियों को सौंप दें तो भुगतान किए गए कर के 5% का अतिरिक्त प्रोत्साहन उपलब्ध होगा।
 
यह संपत्ति कर नीति पहले के तीनों नगर निगमों के विभिन्न दृष्टिकोणों में एकरूपता लाती है।
उपराज्यपाल ने आशा व्यक्त की है कि लंबे समय से प्रतीक्षित इन सुधारों से बहुप्रतीक्षित सामुदायिक भागीदारी आएगी और यह सुनिश्चित होगा कि नागरिक दिल्ली नगर निगम में हितधारक बनें। इससे एक ओर जहां  दिल्ली वासियों को बेहतर सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी वहीं दूसरी ओर लोगों की सक्रिय सहभागिता से नगर निगम के राजस्व में भी वृद्धि हो सकेगी।
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