आदरणीय केंद्रीयगृह एवं सहकारिता मंत्रीश्री अमित शाहजी,
माननीय राज्यपाल, पंजाब एवं प्रशासक, चंडीगढ़, श्रीगुलाब चंद कटारिया जी,
माननीय मुख्यमंत्री, पंजाब, श्री भगवंतसिंह मान जी,
माननीय मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश, श्रीसुखविंदर सिंह “सुक्खु” जी,
माननीय मुख्यमंत्री, राजस्थान, श्री भजन लाल शर्मा जी,
माननीय मुख्यमंत्री, हरियाणा, श्री नायब सिंह सैनी जी,
माननीय उपराज्यपाल, जम्मू एवं कश्मीर, श्री मनोज सिन्हाजी,
माननीय उपराज्यपाल, लद्दाख, श्री कविंदर गुप्ता जी,
माननीय मुख्यमंत्री, जम्मू एवं कश्मीर, श्री ओमार अब्दुला जी,
माननीय मुख्यमंत्री, दिल्ली, श्रीमती रेखा गुप्ता जी, एवं सभीउपस्थित अधिकारी गण।
01. Northern Zonal Council की इस अहम बैठक का आयोजन करने के लिए, मैं माननीय गृहमंत्री जी का धन्यवाद करता हूँ। यह बैठक एक ऐसा अवसर है, जब सभी पड़ोसी राज्य, एवं केंद्र शासित प्रदेश, आपके मार्गदर्शन में, आपसी हितों के विषयों पर, अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए, सकारात्मक दृष्टिकोण से बात कर, हल निकलने का प्रयास करेंगे। जयपुर और अमृतसर के बाद, मेरे लिए यह तीसरी बैठक है।
02. यहाँ उपस्थित सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की साझा समस्याएं हैं, और उनके निदान के लिए, हमें साझा प्रयास ही करने होंगे। हमारी हवाएं साझा हैं और हमारी नदियाँ और नाले भी एक–दुसरे से जुड़े हुए हैं। केवल किसी एक के द्वारा किये गये प्रयास, शायद सफल नहीं होंगे।
03. इस परिषद की पिछली बैठक के बाद, कई सदस्य राज्यों में महत्वपूर्ण राजनितिक परिवर्तन हुए हैं, और मुझे विश्वास है कि यह परिवर्तन माननीय प्रधान मंत्री जी के “Cooperative Federalism” के विज़न को, अमली जामा पहनाएंगे।
04 आज भी दिल्ली की जो प्रमुख समस्याएं हैं, वह हैं - Yamuna Pollution, Air Pollution, Water Pollution, Legacy Waste. हमारी सरकार इन सभी समस्याओं पर विशेष ध्यान दे रही है, और पिछले कुछ महीनों में, दिल्ली सरकार ने इनसे निपटने में कई सफलताएँ भी हासिल की। इन विषयों पर, माननीय मुख्यमंत्री इस सभा को संबोधित करेंगी।
05. इनके अलावा, कानून-व्यवस्था दिल्ली के लिए एक ऐसा गंभीर मुद्दा है, जिससे मुक्ति के लिए हमें अंतर-राज्यीय सहयोग की आवशयकता है।
दिल्ली की लगभग सारी समस्याओं के Causes और Consequences का Inter-State Dimension है, इस लिए पड़ोसी राज्यों का सहयोग आवश्यक है।
06. मैं आपको दिल्ली के बहु-आयामी, सुरक्षा पहलुओं से अवगत कराना चाहूँगाI
अभी कुछ ही दिनों पहले, दिल्ली ने आतंकी हमले के भयानक दंश को झेला है I इस त्रासदी की जितनी भी निंदा की जाए, कम है I जहाँ एक तरफ यह घटना हमारी vulnerability को दिखाता है, वहीं इस घटना के बाद हुई, त्वरित और seamless investigation और arrests, माननीय गृह मंत्री जी के मार्ग दर्शन में, हमारी सशक्त होती सुरक्षा व्यवस्था को भी underline करती हैI इस त्रासदी के दौरान दिल्ली पुलिस और हमारे अस्पतालों ने जिस proactive तत्परता से काम किया, उससे, जान और माल की क्षति, निःसंदेह कम हुई। इसके साथ ही, जिस तेजी और accuracy से हम मामले की fool proof, शिनाख्त कर पाए, उसके लिए मैं दिल्ली, हरियाणा तथा जम्मू कश्मीर पुलिस को बधाई देता हूँ I
दिल्ली में सुरक्षा का बहु आयामी स्वरुप है, और यह, अन्य किसी राज्य की तुलना में, पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है I मैं कुछ प्रमुख बिन्दुयों की तरफ इस सभा का ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा:
यूपी और हरियाणा से लगती सीमाओं पर 181 Interstate Entry Points हैं।
आपराधिक तत्व दिल्ली में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इन सीमाओं का लाभ उठाते हैं ।
Real time basis पर सूचना का आदान-प्रदान और जमीनी स्तर पर अंतरराज्यीय पुलिस समन्वय आवश्यक है।
दिल्ली पुलिस ने हर बॉर्डर पॉइंट पर ANPR Cameras (Automatic Number Plate Recognition) install किये हैं।
विगततीन वर्षों में drugs और narcotics के मसलों पर दिल्ली पुलिस ने काफी काम किया है। अब तक लगभग 47,000 KG drugs को जब्त कर, उनको नष्टकिया गया है। इसकी कीमत लगभग Rs.14.5 हज़ार करोड़ है। यह समस्या बहुत बड़ी है और drug supply तथा smuggling network के तार अन्यराज्यों से भी जुड़े हैं। इसके अलावा, नकली दवाइयों का जानलेवा कारोवार भी, हम सभी के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है। मुझेविश्वास है, इन बड़ीसमस्याओं का पूर्ण निदान, हम सब, माननीय गृह मंत्री जी केनिर्देशन में, जल्द ही कर पाएंगें।
राज्योंद्वारा आपस में अवैध वाहनों के संचालन के लिए अंतर-राज्यीय निगरानी करना आवश्यक है ।
सेकंड हैण्ड कार डीलर्स, सिम कार्ड डीलर्स, कबाड़ विक्रेताओं, केमिकल शॉप्स, साइबर कैफ़े/पीसीओ/एसटीडी आदि की गहन जांच की जानी चाहिए, ताकि sleeper cells की गतिविधियों पर, करीब से नजर रखी जा सके।
सोशल मीडिया पर निगरानी आवश्यक है, क्योंकि कई बार इन प्लेटफार्म पर हो रही गतिविधियाँ, आगे होने वाली दुर्घटनाओं के clue देती हैं।
ये आवश्यक है कि सभी गेस्ट हाउस / होटलों में सीसीटीवी रिकॉर्डिंग सुनिश्चित की जाए तथा घनी आबादी वाले इलाकों और अनधिकृत कालोनियों में किरायेदारों के 100 per cent सत्यापन की योजना बनाई जाए।
इसी प्रकार migrant कामगारों का 100 per cent सत्यापन और निरंतर जांच, होनी चाहिए, ताकि अपराध में, यदि उनका कोई involvement हो, तो तुरंत कार्यवाही की जा सके।
दिल्ली पुलिस द्वारा विभिन्न राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में भेजे गए लंबित security verification reports का,समयबद्ध तरीके से, निष्पादन होना आवश्यक है।
E-verification के माध्यम से दस्तावेजों के inter-state verification, की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सकती है।
इन मामलों में देरी का फायदा, अवैध प्रवासि उठाते हैं, क्योंकि उनके जाली स्थानीय पहचान पत्रों का verification नहीं होने का कारण, उनका deportation, बेहद जटिल और मुस्किल हो जाता है।
अन्य राज्यों में स्थित गिरोहों द्वारा sharpshooters को employ कर, उनका दिल्ली में इस्तेमाल किया जाता है। यह हमारे लिए, एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। इससे निपटने के लिए हमें पड़ोसी राज्यों से समन्वय की आवश्यकता है।
आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सक्रिय आपराधियों के गिरोहों, विशेष रूप से विदेशी गिरोहों के खिलाफ, कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। ऐसे अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी के लिए, उनके नाम, तस्वीरें और सभी प्रासंगिक विवरण, थाना स्तर पर पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ, साझा किये जाने चाहिए। ऐसा करने से इन gangs को bust करने में आसानी होगी।
इसी प्रकार cyber financial crime, हमारे लिए एक नया और बेहद गंभीर challenge बन कर, उभरा है। विगत दिनों में जांच के दौरान, पाया गया, कि इससे जुड़े अपराधी, दूरदराज के location से operate करते हैं। इस सिलसिले में, पिछले कुछ दिनों में मेवात के इलाके का, बार-बार, सन्दर्भ आता है। इससे निपटने के लिए हमें collaboration में, अपने पुलिस कर्मियों को modern infrastructure-युक्त, technical training देने की आवश्यकता है।
नए अपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद, Forensics का महत्व, अभूतपूर्व रूप से बढ़ा है। हम इसके लिए NCR के राज्य, एक साझा state-of-art Forensic Lab या Institution, स्थापित करने पर, विचार कर सकते हैं।
इन अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए एक सयुंक्त कार्ययोजना/रणनीति बनाने की आवश्यकता है । यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए, ताकि उन तक यह संदेश पहुँचाया जा सके कि हम अपराधिक गिरोहों के खिलाफ़, माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्णित, Zero Tolerance Policy अपना रहे हैं।
07. मैं, पुनः Northern Zonal Council की इस बैठक को सूरजकुंड की ऐतिहासिक और पवित्र धरती पर आयोजित करने के लिए आपका धन्यवाद करता हूँ I मेरा सुझाव है कि नागरिक तथा सुरक्षा पहलुओं पर निरंतर संवाद के लिए, हम सभी राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों तथा पुलिस महा-निदेशकों / Commissioners का regular intervals पर interaction होता रहना ज़रूरी हैI इन interactions का फल यह होगा, कि हम जब Zonal Council की बैठकों में हिस्सा लेंगे तो, अहम विषयों पर आसानी से सहमति बनाने में सफल होंगे। आपसी रिश्तों को मजबूत करेंगे व देश के नागरिकों के बेहतर भविष्य और सुरक्षा, को सुनिश्चित कर पायेंगे।
मुझे आशा है कि हम सब अपनी साझा समस्याओं के समाधान के लिए, आगे भी, माननीय गृहमंत्री जी के नेतृत्व में, इसी प्रकार निर्बाध सहयोग और समन्वय से कार्य करते रहेंगे।
धन्यवाद
जय हिन्द
उपराज्यपाल, दिल्ली
