दिल्ली में बिजली, पानी और बस यात्रा सब्सिडी जारी रहेगीः कानूनी प्रक्रिया के अनुसार, किसी व्यक्ति के जेल जाने से सरकार की किसी योजना पर कोई असर नही पड़ेगा- उपराज्यपाल
दिल्ली सरकार की कोई भी सब्सिडी योजना बंद नहीं होगी- लोगों को ऐसी अफवाहों और राजनीतिक लाभ पाने के उद्देश्य से दिए जा रहे बयानों से बचना चाहिए- उपराज्यपाल
यह योजनाएं, भारत सरकार और उपराज्यपाल द्वारा अनुमोदित बजट का हिस्सा हैं, ये किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल की नहीं हैं।
एक विशेष राजनीतिक पार्टी के सदस्य और मंत्री भ्रम पैदा करने के लिए जानबूझकर झूठे और भ्रामक बयान दे रहे हैं-वी.के. सक्सेना
दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल श्री वी.के. सक्सेना ने, एक विशेष पार्टी के सदस्यों और सरकार के मंत्रियों द्वारा जानबूझकर दिए जा रहे झूठे और भ्रामक बयानों को गंभीरता से लेते हुए उन्हें पूरी तरह से खारिज किया है। इन बयानों में प्रचार किया जा रहा है कि, मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद दिल्ली सरकार की फ्री 'बिजली, पानी और महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा से संबंधित योजनाओं को बंद कर दिया जाएगा। मनगढ़ंत रूप से फैलाई जा रही इन अफवाहों में कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार और उपराज्यपाल इन योजनाओं को रोक देंगे।
इनको देखते हुए, श्री सक्सेना ने दिल्ली के लोगों को आश्वस्त किया है कि गरीबों को लाभ पहुंचाने वाली किसी भी तरह की सब्सिडी योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने लोगों से निहित राजनीतिक स्वार्थ के चलते दिए जा रहे बयानों और अफवाहों पर ध्यान न देने के अपील की है। साथ ही उन्होंने लोगों से गुमराह करने की किसी भी कोशिश को खारिज करने की भी अपील की है। उन्होंने जोर देकर कहा है कि इन योजनाओं के लिए पैसे किसी किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल के खाते से नहीं आते हैं, बल्कि दिल्ली की समेकित निधि से इनका खर्च वहन किया जाता है। समेकित निधि में पैसा दिल्ली सरकार को कर देने वाले लोगों से आता है।
उपराज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया है कि उपरोक्त सब्सिडी योजनाएं सरकार की हैं और किसी भी पद पर बैठे किसी भी व्यक्ति द्वारा न तो संचालित है और न ही उस पर निर्भर हैं, इसलिए, किसी भी व्यक्ति के जेल में होने के कारण, किसी योजना के प्रभावित होने का सवाल ही नहीं उठता है। इन योजनाओं का बजट में आवंटन होता है, जिसे भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी जाती है।
श्री सक्सेना ने कहा कि न्यायसम्मत तरीके से, जेल जाने वाला कोई भी व्यक्ति, किसी भी योजना को प्रभावित नहीं करता है, खासकर वह योजनाएं, जो विधानसभा द्वारा पेश और पारित किये जाने से पहले, भारत सरकार और स्वयं उपराज्यपाल द्वारा विधिवत मंजूर की जाती हैं।