माननीय उपराज्यपाल श्री वी. के. सक्सेना ने दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट्स का निरीक्षण कर ठोस अपशिष्ट के निपटान की स्थिति का जायजा लिया

मुख्य पृष्ठ/ मीडिया में/ प्रेस विज्ञप्ति/  माननीय उपराज्यपाल श्री वी. के. सक्सेना ने दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट्स का निरीक्षण कर ठोस अपशिष्ट के निपटान की स्थिति का जायजा लिया
23-05-2023

·       माननीय उपराज्यपाल श्री वी. के. सक्सेना ने दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट्स का निरीक्षण कर ठोस अपशिष्ट के निपटान की स्थिति का जायजा लिया

·       बीते तीन माह में 12.50 लाख टन ठोस अपशिष्ट का निपटान किया गया है

·       गाजीपुर, ओखला और भलस्वा में कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई पिछले सात माह के दौरान 15 मीटर तक कम की जा चुकी है 

·       केंद्र सरकार की एजेंसियों, उद्योगों और जन भागीदारी की सहायता से कचरे के निस्तारण के कार्य में तेजी आई है

·       उपराज्यपाल ने तय समय के अंदर कूड़े के पहाड़ का खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया 

 

राजधानी में नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा 16.02.2023 को उच्च स्तरीय समिति (HLC) के गठन के बाद, आज उपराज्यपाल  श्री वी.के. सक्सेना ने तीनों भूमि लैंडफिल साइट्स (ओखला, गाजीपुर और भलस्वा) का दौरा किया। उन्होंने वहां 23.03.2023 को किए गए दौरे के बाद ठोस कूड़ा निपटान के लिए जारी कार्यो की प्रगति का जायजा लिया। 

पदभार संभालने के बाद इन तीनों लैंडफिल साइट्स पर 29.05.2022 को किए अपने पहले दौरे के बाद से यहां किए जा रहे ठोस अपशिष्ट के निपटान की प्रगति पर उपराज्यपाल ने संतोष व्यक्त किया। मई 2022 तक इन साइट्स से 1.41 लाख मीट्रिक टन/माह का निष्पादन किया जा रहा था जो अक्टूबर 2022 में 6 लाख मीट्रिक टन/माह तक पहुंच गया। इस झेत्र में नवंबर 2022 में नए कंशेनर्स की नियुक्ति के बाद से इसमें काफी तेजी आई है। जल्द ही इस पहल से प्रतिदिन 30,000 मीट्रिक टन और 9 लाख मीट्रिक टन/माह तक निपटान और उपचार सुनिश्चित किया जा सकेगा। 

उपराज्यपाल द्वारा तीनों लैंडफिल साइट्स की व्यक्तिगत निगरानी, कार्यों की प्रगति का आकलन करने, लगातार निरीक्षण और पारंपरिक तथा नए संसाधनों के उपयोग से कचरे के पहाड़ों को समतल करने का काम मे लगातार तेजी आ रही है। आज निरीक्षण के दौरान श्री सक्सेना के साथ दिल्ली के मुख्य सचिव, एमसीडी आयुक्त और एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। एलजी ने इस दौरान भलस्वा झील का भी दौरा किया। 

गौरतलब है कि माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 16.02.2023 के आदेश OA. No. 606/2018 में यमुना के कायाकल्प के लिए बनी हाई लेवल कमेटी की तर्ज पर नगर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों के अनुपालन के मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल की अध्यक्षता में ठोस अपशिष्ट निगरानी समिति (SWMC) का गठन किया था। 

इस दिशा में काम करते हुए कई बैठकें आयोजित की गई और दिल्ली में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई और इस संबंध में मुख्य सचिव ने 06.04.2023 को एक आदेश भी जारी किया। 

एमसीडी के अधिकारियों ने श्री सक्सेना को तीनों डंपिंग साइट्स पर वर्षों से जमा कचरे के निस्तारण में एमसीडी द्वारा किए गए प्रयासों से अवगत कराया। जब श्री वी.के. सक्सेना ने उपराज्यपाल का पदभार ग्रहण किया था उसके बाद जून 2022 में तीनों लैंडफिल साइट्स पर कुल 229.1 लाख मीट्रिक टन लीगेसी वेस्ट जमा था, जो अब 74.2 लाख मीट्रिक टन (32.38 प्रतिशत) कम होकर एक वर्ष में 154.9 लाख मीट्रिक टन रह गया है। एमसीडी ने मई 2024 तक दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट्स पर मौजूद समस्त कूड़े के निष्पादन का लक्ष्य रखा है।  

माननीय उपराज्यपाल महोदय तीनों लैंडफिल साइटों पर चल रहे कार्यों की स्वयं निगरानी कर रहे हैं। लैंडफिल साइटों पर लीगेसी कचरे के निस्तारण का कार्य तेजी से हो रहा है। भलस्वा लैंडफिल साइट पर मौजूद लीगेसी वेस्ट का फरवरी 2023 से मई 2023 के बीच तय लक्ष्य से अधिक करीब 111 प्रतिशत, जबकि इसी दौरान ओखला लैंडफिल साइट तय लक्ष्य का 88 और गाजीपुर लैंडफिल साइट से 34 प्रतिशत निष्पादन किया जा चुका है। उपराज्यपाल ने लक्ष्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश जारी किए और कहा कि ओखला में जून, 2023 के अंत तक और गाजीपुर में अगले 3 महीनों के भीतर लक्ष्य हासिल कर लिया जाए।  

उपराज्यपाल के हस्क्षेप के बाद पिछली तिमाही से एनएचएआई अपने कराला माजरी, बुराड़ी, होलंबी परियोजना और एनटीपीसी इको पार्क एवं एनएचएआई फरीदाबाद मीठापुर परियोजना के लिए इनर्ट उठा रही है। वहीं सी एंड डी वेस्ट को उसकी खामपुर, केशव नगर बुराड़ी की साइट्स पर भेजा जा रहा है। लीगेसी आरडीएफ वेस्ट को उठाने के लिए कॉरपोरेट सेक्टर को जोड़ने की मुहिम भी रंग ला रही है। जे. के. सीमेंट चित्तौड़गढ़, अल्ट्राटेक सीमेंट एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कागज मिल लैंडफिल साइटों से आरडीएफ वेस्ट उठा रहे हैं।

वर्तमान में 80 ट्रोमेलिंग मशीनों के जरिए दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट्स पर कचरे को अलग करने का काम किया जा रहा है, जिनकी संख्या जून 2022 में 12 थी। इसके अलावा 30 जून 2023 तक 5 और मशीनें इसमें शामिल हो जाएंगी। ओखला साइट पर, अपनी तरह की पहली ट्रोमेलिंग मशीन भी लगाई गई है, जो प्रति दिन 1500 मीट्रिक टन सी एंड डी कचरे को इनर्ट में परिवर्तित करती है। कचरे के निपटान की रियल टाइम निगरानी के उद्देश्य से लैंडफिल साइटों पर कंट्रोल एंड कमांड सेंटर स्थापित किए गए हैं और कूड़ा ढोने वाले ट्रकों को जीपीएस से लैस किया गया है।

माननीय उपराज्यपाल महोदय ने तीनों लैंडफिल साइटों पर चल रहे बायोमाइनिंग कार्य की प्रतिदिन निगरानी करने के निर्देश दिए।

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