मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड, दिल्ली विश्वविद्यालय, भारती सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद तथा अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संयुक्त तत्वाधान में 25-26 नवम्बर, 2022 को **FOOTPPRINTS OF WOMEN IN MAKING OF BHARAT** संबंधी विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। मुझे यह भी बताया गया है कि नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड पिछले कई वर्षों से कमजोर वर्गों की लड़कियों को दिल्ली विश्वविद्यालय में नियमित शिक्षा प्राप्त करने में सहायता करती आ रही है।
मेरा मानना है कि नारी शक्ति ने मानव सभ्यता और संस्कृति के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई औैर आज विकास के हर पहलु में उनका योगदान अमूल्य तथा अति आवश्यक है। यह प्रशंसनीय है कि संगोष्ठी का उद्देश्य पिछले 75 वर्षों में राजनीति, शिक्षा, आर्थिक विकास, खेल व प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में स्त्रियों द्वारा किये गये महत्वपूर्ण योगदान के विषय पर चर्चा करना है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि इनके महत्वपूर्ण योगदान से ही भारत चहुंमुखी विकास की ओर अग्रसर हुआ है।
मैं, आशा करता हूँ कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में विचार-विमर्श, व्याख्यान व शोध-पत्रों से प्राप्त निष्कर्षों से, भविष्य में शोध, अध्ययन-अध्यापन, सरकारी योजना निर्माण व विभिन्न संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति को अधिक मजबूत करने के साथ-साथ समाज में महिलाओं की भूमिका के नए आयाम स्थापित होंगे।
मैं, इस संगोष्ठी की सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ।