दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आज दूसरी बार कुतुबगढ़ गांव का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने गांव को मॉडल गांव के रूप में स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया।

मुख्य पृष्ठ/ मीडिया में/ प्रेस विज्ञप्ति/ दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आज दूसरी बार कुतुबगढ़ गांव का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने गांव को मॉडल गांव के रूप में स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया।
13-04-2023

•        दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आज दूसरी बार कुतुबगढ़ गांव का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने गांव को मॉडल गांव के रूप में स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया।

•        इस मौके पर एलजी ने गांव के किसानों को 2000 अमरूद और अंगूर के पौधे (सैपलिंग) लगाने के लिए सौंपे।

•        कुतुबगढ़ के किसानों को अंगूर की खेती के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

•        डीडीए कुतुबगढ़ में दो जलाशयों (वाटर बॉडी) और 4 नए पार्क विकसित करेगा।

 

दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आज उत्तर पश्चिम दिल्ली के कुतुबगढ़ गांव का दौरा कर वहां के किसानों को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने के लिए 1000 अंगूर और 1000 अमरूद के पौधे (सैपलिंग) दिए। इससे गांव के आसपास अंगूर और अमरूद की खेती को बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर उन्होंने वन विभाग की ओर से विकसित किए गए लोकल सिटी फॉरेस्ट का भी दौरा किया और वहां उन्होंने भी अमरूद के पौधे लगाए। उपराज्यपाल के साथ उत्तर-पश्चिम दिल्ली के सांसद हंस राज हंस, मुख्य सचिव नरेश कुमार, पर्यावरण एवं वन विभाग, जीएनसीटीडी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के के प्रधान सचिव, निगमायुक्त और डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य हितधारक उपस्थित थे।

पदभार संभालने के बाद उपराज्यपाल ने कुतुबगढ़ का दूसरी बार दौरा किया है। इससे पहले उन्होंने 2 सितंबर 2022 को गांव का दौरा किया था। उस समय उन्होंने 500 स्थानीय किसानों को 1000 चंदन के पौधे (सैपलिंग) दिए थे ताकि शहर को हरा-भरा बनाने के साथ ही इसे खूशबूदार भी बनाया जाए।

ग्रामीणों को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में राजस्थान और पड़ोसी राज्यों से अमरूद आते हैं लेकिन ग्रामीणों की भागीदारी से दिल्ली ही अमरूद का उत्पादक राज्य बन सकती है। इसी तरह दिल्ली में अंगूर के पौधे लगाने से यहां के वनस्पति जगत में भी विविधता आएगी। उन्होंने कहा कि अमरूद और अंगूर की स्थानीय खेती से किसानों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। इससे दिल्ली के अन्य गांवों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उपराज्यपाल ने कहा कि किसानों को अंगूर की खेती वैज्ञानिक तरीके से करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

वन विभाग के कर्मचारियों ने स्थानीय स्तर पर जैकरांडा, गुलमोहर, गुड़हल, अमरूद सहित कई तरह के फल और फूल देने वाले करीब 600 पौधे लगाए हैं। इसके अलावा सिटी फॉरेस्ट में विकास के कई काम किए गए हैं। करीब एक किलोमीटर का वॉकिंग ट्रैक बनाया गया है। इसके साथ ही फॉरेस्ट के अंदर तालाब को चौड़ा कर उसे गहरा भी बनाया गया है। बांस की झोपड़ियां और शौचालयों और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण भी सिटी फॉरेस्ट में किया गया है। इस विकास कार्य से गांव में इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीणवासियों को सतत और स्वस्थ्य जीवन जीने का मौका मिलेगा। 

उपराज्यपाल ने गांव में एक निजी प्लांटेशन साइट (वृक्षारोपण स्थल) का भी दौरा किया जहां ग्रामीणों ने स्वयं अमरूद के पौधे लगाए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि लोगों ने अमरूद की खेती के लिए 6.5 बीघा जमीन चिन्हित कर ली है। इसके अलावा ऐसी ही और जमीन की खोज की जा रही है।

गांव में उपराज्यपाल का सैकड़ों लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। कुतुबगढ़ को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने के लिए उपराज्यपाल द्वारा कराए जा रहे कामों से गांव के लोग बेहद खुश थे और इसके लिए उनका आभार व्यक्त किया। गांव के दौरे के क्रम में उपराज्यपाल ने एमसीडी की डिस्पेंसरी का भी निरीक्षण किया और अधिकारियों को इसे पॉली क्लिनिक में अपग्रेड करने और इसे जल्द से जल्द शुरू करने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने बताया कि डिस्पेंसरी में 3 विशेषज्ञ डॉक्टरों को तैनात कर दिया गया है और अन्य आवश्यक उपकरणों और अन्य सुविधाओं को जल्द उपलब्ध करा दिया जाएगा। ग्रामीणों ने उपराज्यपाल से गांव में महिलाओं के लिए कुश्ती की सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह किया। गौरतलब है कि हाल के वर्षों में इस गांव से कई एथलीट और पहलवान तैयार हुए हैं। ग्रामीणों के अनुरोध पर उपराज्यपाल ने तत्काल डीडीए को उचित सुविधाओं से युक्त जगह की पहचान करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह काम जितनी जल्दी संभव हो सके, उतनी जल्दी इसे पूरा किया जाए। 

उपराज्यपाल ने मुंगेशपुर नाले वाले साइट का भी दौरा किया जहां सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग नाले के सौंदर्यीकरण और गाद निकालने का काम कर रहा है। विभाग द्वारा 200 मीटर का वॉकिंग ट्रैक पहले ही बनाया जा चुका है। नाले के किनारे बांस के पौधे भी लगाए गए हैं ताकि इलाके में सौंदर्यीकरण और हरित आच्छादन को बढ़ाया जा सके।

उपराज्यपाल ने गांव में 2 तालाबों (जल इकाई) और 4 पार्को को विकसित करने का निर्देश डीडीए को दिया है। उन्होंने गांव में मौजूदा तालाबों के रखरखाव के लिए भी आवश्यक काम करने के निर्देश डीडीए को दिए।

मौके पर निरीक्षण के दौरान एलजी ने कुतुबगढ़ गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने के लिए संबंधित अधिकारियों से निर्धारित समय सीमा के अंदर हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जब कुतुबगढ़ मॉडल गांव के रूप में विकसित हो जाएगा तो इसी मॉडल पर दिल्ली के अन्य गांवों को भी विकसित किया जाएगा। कुतुबगढ़ को आदर्श गांव बनाने के लिए निम्नलिखित विकास के कार्य किए जा रहे हैं।

1. एमसीडी डिस्पेंसरी को पॉली क्लिनिक के रूप में अपग्रेड किया जा रहा है।

2. पहली बार गांव में पोस्ट ऑफिस खोला जा रहा है।

3. पहली बार गांव में विज्ञान शाखा की पढ़ाई स्थानीय सरकारी स्कूल में शुरू की जा रही है। 

4.अब तक गांव में 544 एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई जा चुकी हैं।

5.डीडीए गांव में दो तालाबों का निर्माण कर रहा है।

6.डीडीए द्वारा गांव में 4 नए पार्कों का निर्माण किया जा रहा है जिनमें दो पार्कों में ओपन जिम भी होगा।

7. ऑर्गेनिक फार्मिंग और सिंचाई तंत्र में कुशल बनाने के लिए गांव के 60 किसानों को कृषि विज्ञान केंद्रों में प्रशिक्षित किया गया है।

8. सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने कुतुबगढ़ में साइन बोर्ड और गांव के नक्शे लगाए हैं।

9. जिला प्रशासन ने गांव में यूथ एस्पाइरेशन सर्वे किया है। यानी युवाओं में कैरियर को लेकर उनके मनों को टटोला गया है। इस सर्वे के आधार पर स्थानीय युवाओं की आजीविका और उनके कैरियर को छलांग देने के लिए उन्हें कौशल प्रबंधन के माध्यम से उचित मार्गदर्शन दिया जाएगा।

10. सार्वजनिक परिवहन को मजबूत बनाने के लिए गांव को नए बस रूट से जोड़ा गए है।

 

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