- उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के सभी लैंडफिल साइटों का दौरा करते हुए वहां जमा कचरे के निस्तारण (लीगेसी वेस्ट डिस्पोजल) संबंधी प्रगित की समीक्षा की I
- सिर्फ 6 महीनों के अंदर पुराने अपशिष्ट निपटान की दर में भारी वृद्धि हुई हैI अपशिष्ट निपटान की दर जो जून 2022 में 1.41 लाख मीट्रिक टन प्रति माह थी, वह बढ़कर अब 6 लाख मीट्रिक टन प्रति माह हो गई है I
- गाजीपुर, ओखला और भलस्वा लैंडफिल साइट की ऊंचाई सिर्फ 7 महीनों के अंदर 15 मीटर तक कम हो गई है I
- केंद्र सरकार की एजेंसियों, उद्योगों और जन भागीदारी के फलस्वरूप अगले 3 महीनों में प्रति माह 10 लाख मीट्रिक टन कचरे का निपटान संभव हो सकेगा I
- वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट्स और सीमेंट कंपनियों के बाद अब पश्चिमी यूपी के पेपर मिल्स भी पहली बार दिल्ली के लैंडफिल साइट्स से आरडीएफ वेस्ट उठा रही हैं I
- उपराज्यपाल ने तय समय सीमा के अंदर कचरे के पहाड़ को खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है I
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आज गाजीपुर, ओखला और भलस्वा लैंडफिल साइटों का दौरा किया और यहां चल रहे कचरा निपटान प्रक्रिया में हो रही प्रगति का जायजा लिया I उपराज्यपाल ने पदभार संभालते ही 29 मई 2022 को पहली बार गाजीपुर लैंडफिल साइट का दौरा किया था और तब से ही वे इस काम की व्यक्तिगत निगरानी कर रहे हैं I इन लैंडफिल साइटों पर उपराज्यपाल के लगातार दौरे के परिणामस्वरूप कचरा निपटान की प्रक्रिया में अभूतपूर्व प्रगति हुई है I इसके लिए विभिन्न तरह के परंपरागत और नवोन्वेषी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा हैI
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 16 फरवरी 2023 के अपने आदेश में, यमुना की सफाई के लिए गठित एचएलसी की तर्ज पर ही, उपराज्यपाल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय सॉलिड वेस्ट मॉनिटरिंग कमिटी ( ठोस अपशिष्ट निगरानी समिति) का गठन किया था I
दिल्ली के इन तीनों लैंडफिल साइटों से कचरे के निपटान में आई तेजी है का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जून 2022 में इन साइटों से प्रति माह 1.41 लाख टन कचरे का निपटान किया जा रहा था जो अब 6 लाख मीट्रिक टन प्रति माह हो गया है I इस तरह पारंपरिक अपशिष्ट निपटान में 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई है I जुलाई 2022 से फरवरी 2023 के दौरान सात महीने के अंदर इन साइटों से 30 लाख मीट्रिक टन ठोस कचरे का निपटान किया गया जिसका परिणाम यह हुआ है कि कचरे के इन पहाड़ों की ऊंचाई सिर्फ 7 महीनों में 15 मीटर तक कम हो गई है I
इस मौके पर अधिकारियों को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने बताया कि उद्योगों और केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों की मदद से कचरा निपटान की दिशा में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है I इस कारण अब प्रति माह 10 लाख मीट्रिक टन कचरे के निपटान का लक्ष्य सुनिश्चित किया जा रहा है I उन्होंने एमसीडी को अगले तीन महीनों के अंदर यह लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश दिया है I
उपराज्यपाल ने बताया कि एनएचएआई (NHAI) और डीडीए (DDA) पहले से ही अपनी कंस्ट्रक्शन साइटों पर 45 लाख मीट्रिक टन इनर्ट और सीएंडडी कचरे का इस्तेमाल कर रहा है, वहीँ जन भागीदारी के तहत पिछले 6 महीनों में 1 लाख मीट्रिक टन इनर्ट और सीएंडडी कचरे को यहां से उठाया गया हैI इसी प्रकार पिछले 6 महीनों के दौरान बने और अपग्रेड किए गए कचरे से बिजली बनाने वाले प्लांटों ने रोजाना 6000 मीट्रिक टन आरडीएफ कचरा यहां से उठाया है I एक नए आविष्कारी प्रयोग के तहत कचरे के निपटान में कॉरपोरेट जगत को पुराने आरडीएफ कचरे के निस्तारन में शामिल किया गया था I इसके तहत सीमेंट कंपनियों ने लैंडफिल साइटों से प्रत्येक माह 15 से 20 हजार मीट्रिक टन आरडीएफ कचरा उठाया है जिसका इस्तेमाल ईंधन के तौर पर किये जा रहा है I इन सबके परिणामस्वरूप पिछले सात महीनों के दौरान 1 लाख मीट्रिक टन आरडीएफ कचरे का सतत प्रसंस्करण के जरिए निपटान किया गया हैI अब तक 5 सीमेंट कंपनियां दिल्ली की लैंडफिल साइटों से आरडीएफ उठा रही हैं जिसमें राजस्थान के दूर दराज चित्तौड़गढ़ स्थित कमपनी भी शामिल है I इसके अलावा पश्चिमी यूपी के शामली, मुजफ्फरनगर, इटावा जैसे जिलों में स्थित पेपर मिलों ने भी दिल्ली से प्रतिदिन लगभग 100 मीट्रिक टन आरडीएफ कचरा उठाना शुरू कर दिया हैI
उपराज्यपाल ने बताया कि बदरपुर में एल एंड डीओ (L&DO) की लगभग 400 एकड़ निचली भूमि पर ओखला लैंडफिल साइट से इनर्ट और सीएंडडी कचरे को लाकर यहां भरने की योजना हैI उपराज्यपाल सचिवालय, भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) से इस दिशा में लगातार संपर्क में है I ताकि इसे और सुगम बनाया जा सके I वर्तमान में दिल्ली के तीनों लैंडफिल साइटों से अधिक क्षमता वाली 50 ट्रॉमलिंग मशीनें 25 जून 2022 से कचरे को छांट कर इसे निस्तारित कर रही है I इतनी मशीनें देश में कहीं और एक साथ नहीं लगी हैI कचरे के निपटान की रियल टाइम में निगरानी के उद्देश्य से लैंडफिल साइटों पर नियंत्रण और कमान केंद्र (कंट्रोल एंड कमांड सेंटर) स्थापित किए गए हैं और कूड़ा ढोने वाले ट्रकों को जीपीएस से लैस किया गया हैI
उपराज्यपाल ने ओखला और भलस्वा लैंडफिल साइटों पर हो रहे काम की गति पर संतोष व्यक्त किया जहाँ प्रतिदिन 15,000 मीट्रिक टन कचरे के निपटान का लक्ष्य शीघ्र ही प्राप्त कर लिया जायेगा I इस हिसाब से इन दोनों Landfill Sites पर 09 लाख मीट्रिक टन प्रति माह कचरे को निस्तारित किया जा सकेगा I हालांकि उपराज्यपाल ने गाजीपुर में कचरा निपटान की धीमी गति पर असंतोष व्यक्त करते हुए एमसीडी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि समय पर काम को पूरा नहीं करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ 7 दिनों का टर्मिनेशन नोटिस जारी कर दें I अगर ठेकादार ने काम में कोताही बरती है तो उसके खिलाफ भारी जुर्माना लगाया जाए और सरकारी धन तथा समय बर्बाद करने के लिए उसपर आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाये I
***