दिल्ली की छठवीं विधानसभा के आठवें सत्र में माननीय उपराज्यपाल का अभिभाषण

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Hon’ble Speaker and Members, 

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दिल्ली की छठवीं विधानसभा के आठवें सत्र में माननीय उपराज्यपाल का अभिभाषण

माननीय अध्यक्ष महोदय एवं सदस्यगण

  1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की छठी विधानसभा के आठवें सत्र (बजट सत्र) में मैं आप सबका स्वागत करता हूं।
  2. मेरी सरकार जनता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की गतिविधियों से विकास प्रक्रिया में तेजी आई है। दिल्ली ने उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति की है। वर्ष 2018-19 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जी.एस.डी.पी.) 7,79,652 करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो  12.98 प्रतिशत की विकास दर दर्शाता है। राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद में दिल्ली का योगदान 2018-19 में 4.14 प्रतिशत रहा। वर्ष 2018-19 में प्रति व्यक्ति आय 3,65,529 रुपये रहने का अनुमान है जो 2017-18 के 3,28,985 रुपये की तुलना में 11.11 प्रतिशत अधिक है।
  3. अर्थव्यवस्था के विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों को मिलना चाहिए। समाज के कमजोर तबकों की हालत सुधारने के लिए विकास का समावेशी होना जरूरी है। मेरी सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में इस लक्ष्य को हासिल करने पर खास ध्यान दिया गया है।
  4. शिक्षा समावेशी विकास का एक महत्वपूर्ण मापदंड है। शिक्षा में निवेश सामाजिक विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार द्वारा कई पहल की गयी हैं। 149 सर्वोदय विद्यालयों में नर्सरी कक्षाएं शुरू किये जाने से पूर्व-प्राथमिक और प्राथमिक कक्षाओं में बढ़ोतरी हुई है। इसके फलस्वरूप 301 स्कूलों में नर्सरी कक्षाएं हैं जिससे अधिक विद्यार्थियों का दाखिला होगा और समन्वित शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।
  5. शैक्षिक सत्र 2018-19 में एक नये राष्ट्रीय प्रतिभा विकास विद्यालय (आर.पी.वी.वी.) ने काम करना शुरू किया और मौजूदा 09 स्कूलों को अपग्रेड किया गया जिससे विभिन्न स्तरों पर और अधिक संख्या में विद्यार्थियों को इन स्कूलों में दाखिला मिला। अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने वाले 05 उत्कृष्टता विद्यालयों ने भी इसी शैक्षिक सत्र से कार्य करना प्रारंभ किया।
  6. पहली बार सरकारी स्कूलों के प्राथमिक सेक्शन में 4,178 कक्षा पुस्ताकालयों की व्यवस्था की गयी ताकि बच्चों में शुरू से ही पढ़ने की आदत का विकास हो।
  7. नये कार्यक्रम ‘‘मिशन बुनियाद’’ के अंतर्गत दिल्ली सरकार और नगर निगम स्कूलों के पहली कक्षा से नौंवी कक्षा तक के 3,30,460 विद्यार्थी अप्रैल से जून तक विशेष अभियान के तहत अपनी पढ़ने की क्षमता और गणितीय कौशल में सुधार के लिए आयोजित कक्षाओं में शामिल हुए।
  8. सभी सरकारी स्कूलों में एक नए पाठ्यक्रम ‘हैप्पीनेस करीकुलम’ की शुरुआत की गयी।
  9. विद्यार्थियों के संवाद कौशल में सुधार के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की गयीं जिनमें 24,000 विद्यार्थियों को बोलचाल की अंग्रेजी सिखाने में विशेषज्ञता रखने वाली पेशेवर संस्थाओं के माध्यम से अंग्रेजी संवाद का प्रशिक्षण दिया गया।
  10. समाज के आर्थिक दृष्टि से दुर्बल वर्गों और उपेक्षित समूहों (ई.डब्ल्यू.एस. एण्ड डी.जी.) को शिक्षा में बराबरी के अवसर उपलब्ध कराने के लिएए 2018-19 में ई.डब्ल्यू.एस. एण्ड डी.जी. कोटा के अंतर्गत 32,455 विद्यार्थियों को आॅनलाइन लाॅटरी प्रणाली के जरिए विभिन्न निजी स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश के लिए चुना गया।
  11. स्कूली शिक्षा से वंचित बच्चों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए 556 विशेष प्रशिक्षण केन्द्र (एस.टी.सी.) स्थापित किये गये और ऐसे 17,178 बच्चों को उनकी उम्र के लिहाज से उपयुक्त प्रशिक्षण प्रदान किया गया ताकि वे नियमित स्कूलों में दाखिला ले सके।
  12. सभी सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार संबंधी कानून की निगरानी के लिए स्कूल प्रबंधन समितियां बना दी गयी हैंै। सभी नवनिर्वाचित स्कूल प्रबंधन समितियों के सदस्यों को प्रशिक्षण प्रदान कर अपने दायित्व निभाने में सक्षम बनाया गया है।
  13. दिल्ली के विद्यार्थियों का प्रतिष्ठित संस्थाओं में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए मेरी सरकार ने राष्ट्रीय इंडियन मिलीटरी काॅलेज (आर.आई.एम.सी.), देहरादून में दिल्ली के छात्रों से लिये जाने वाले वास्तविक शुल्क की अदायगी करने का फैसला किया है। शिक्षण शुल्क में भविष्य में की जाने वाली बढ़ोतरी की अदायगी भी इसमें शामिल है।
  14. स्कूलों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए 31 स्कूलों की इमारतों का निर्माण शुरू किया गया। सरकार ने मौजूदा स्कूलों में करीब 12,700 अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण की मंजूरी दी है ताकि शिक्षा तक बच्चों की पहुंच बढ़े और अध्यापक-विद्यार्थी अनुपात के आदर्श स्तर को प्राप्त किया जा सके। वर्तमान 155 सर्वोदय विद्यालयों में नर्सरी कक्षाओं और 400 स्कूलों में माध्यमिक स्कूल पुस्तकालयों के अपग्रेडेशन का कार्य प्रारंभ भी किया गया है। सभी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा और हिफाजत के लिए क्लोज सर्किट टेलिविजन (सी.सी.टी.वी.) लगाए जाएंगे।
  15. खेल-कूद में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने खिलाड़ियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने का फैसला किया है। इसके अनुसार सभी विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/स्वायत्त संस्थाओं आदि में 5 प्रतिशत पद खिलाड़ियों के लिए आरक्षित किये जाएंगे।
  16. सरकार ने ओलम्पिक खेलों, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और पैरालम्पिक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिल्ली के खिलाड़ियों को दी जाने वाली नकद प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। ओलम्पिक खेलों और पैरालम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों को तीन करोड़ रुपये, रजत पदक प्राप्त करने वालों को दो करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को एक करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
  17. हाल के एक फैसले में सरकार ने नई दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र के कैर गांव में शिक्षा विभाग के लिए 139.16 करोड़ रुपये की लागत से खेल परिसर के निर्माण की मंजूरी दी है।
  18. उच्च शिक्षा आर्थिक विकास और उत्पादकता की प्रमुख प्रेरक है। इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार ने योग्यता एवं संसाधनों से जुड़ी वित्तीय सहायता योजना, और दिल्ली उच्च शिक्षा व कौशल विकास गारंटी योजना के माध्यम से वित्तीय सहायता का विस्तार किया है।
  19. अम्बेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली ने 2018-19 के चालू शैक्षिक सत्र में कई नये स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के साथ-साथ पी.एच.डी. पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किये हैं। वर्ष 2018-19 में स्कूल आॅफ ग्लोबल अफेयर्स (एस.जी.ए.) के नाम से एक नया स्कूल शुरू किया गया है। फिलहाल इसमें स्नातक स्तर के तीन और स्नातकोत्तर स्तर के दो पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के तीन परिसरों में इस समय कुल 13 स्कूल कार्यरत हैं।
  20. नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी, दिल्ली ने भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क-2018 की लाॅ स्कूल (विधि विद्यापीठ) श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
  21. नेताजी सुभाष टेक्नोलाजी संस्थान को अपग्रेड करके 26.09.2018 से इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया गया है. अब इसे नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है।
  22. वल्र्ड क्लास स्किल सेंटर आई.टी.आई. विवेक विहार के परिसर से काम कर रही है। जौनापुर में इसके स्थायी परिसर के निर्माण का कार्य जारी है। इसके अलावा इसी तरह के 25 अन्य वल्र्ड क्लास स्किल सेंटर खोलने का भी प्रस्ताव है। पहले चरण में 6 वल्र्ड क्लास स्किल सेंटर खोले जाएंगे। दूसरे चरण में 19 अन्य वल्र्ड क्लास स्किल सेंटर खोलने की योजना है।
  23. नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना न सिर्फ एक वांछित लक्ष्य है, बल्कि  मानव संसाधनों के क्षेत्र में एक आवश्यक निवेश भी है। सरकार दिल्ली के नागरिकों को बीमारियों की रोकथाम, अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और रोगों के उपचार की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
  24. इस समय 6 सुपर स्पेशिअलिटी अस्पतालों समेत 36 मल्टी स्पेशिअलिटी अस्पताल हैं। इसके अलावा 180 एलोपैथिक दवाखाने, 187 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक और 25 पाॅलीक्लीनिक भी दिल्ली के नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। सरकार ने मौजूदा दवाखानों को नया रूप देकर 94 पाॅलीक्लनिक खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है ताकि पूरी दिल्ली में मल्टीस्पेशिअलिटी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
  25. अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए बुराड़ी, अम्बेडकर नगर और द्वारका में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा मौजूदा 17 अस्पतालों को नया रूप देकर बिस्तरों की कुल क्षमता और सेवाओं में बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव है।
  26. सरकार ने नागरिकों के इलाज पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए कई पहल की है। दिल्ली सरकार के जन स्वास्थ्य केन्द्रों में आने वाले रोगियों को सभी आवश्यक दवाएं मुफ्त उपलब्ध करायी जा रही हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य केन्द्रों से रेफर किये गये रोगियों को पैनल में शामिल रेडियोलाॅजिकल सेंटरों के माध्यम से मुफ्त नैदानिक और रेडियोलाॅजिकल सेवाएं भी उलब्ध करायी जा रही हैं। दिल्ली सरकार के अस्पतालों से रेफर रोगियों को 52 किस्म की विभिन्न शल्यचिकित्सा 48 पैनलबद्ध अस्पतालों से निःशुल्क उपलब्ध  कराई  जा  रही है। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में आम जनता को जिन बीमारियों के मुफ्त इलाज/शल्य चिकित्सा/निदान की सुविधा उपलब्ध कराना संभव नहीं है उनके उपचार की सुविधा चुने हुए निजी अस्पतालों के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है। इनके लिए धनराशि दिल्ली आरोग्य कोश से दी जाती है।
  27. सरकार ने दिल्ली आरोग्य कोश से दिल्ली में हुई सड़क दुर्घटनाओं, तेजाब के हमले और आग से झुलसने के चिकित्सा-विधिक मामलों में घायल व्यक्तियों को चुने हुए निजी अस्पतालों तथा नर्सिंग होम में मुफ्त इलाज के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने के पात्रता मापदंडों में संशोधन किया है।
  28. ऐसी टेक्नोलाॅजी जिसके अवैध इस्तेमाल से लिंग.अनुपात में विषमता आती हो, को रोकने के लिए गर्भाधान पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम, 1994 अधिसूचित किया गया था । इस अधिनियम का कारगर अमल सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने प्रोत्साहन/पुरस्कार योजना को मंजूरी दी है ताकि ऐसे केन्द्रों/डाक्टरों के बारे में जानकारी मिले जो भू्रण के लिंग का पता लगाने का परीक्षण करते हैं।
  29. सेंट्रलाइज्ड एक्सीडेंट एंड ट्राॅमा सर्विसेज (सी.ए.टी.एस.) दिल्ली में दिन-रात एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराती है। कैट्स के पास 265 एंबुलेंस वाहनों का बेड़ा है। घनी आबादी वाले इलाकों और झुग्गी-झोंपड़ी बस्तियों में मदद के लिए पहुंचने में लगने वाले समय को कम करने के लिए कैट्स ने पूर्वी दिल्ली (पूर्व, उत्तर-पूर्व और शाहदरा जिले) में फस्र्ट रिस्पांड व्हीकल (एफ.आर.वी.) तैनात करने की एक परियोजना परीक्षण के तौर पर शुरू की है जिसके अंतर्गत 16 एफ.आर.वी. (मोटरसाइकिलें) तैनात की गयी हैं। ये एफ.आर.वी. चिकित्सा उपकरणों से लैस होती हैं और इनमें प्रशिक्षित एंबुलेंसकर्मी उपलब्ध रहते हंै।
  30. सरकार ने समाज के उपेक्षित और कमजोर वर्गों का विशेष ध्यान रखा है। सरकार दिल्ली पेंशन योजना के माध्यम से संकटग्रस्त महिलाओं को 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है। इसी तरह गरीब विधवाओं को उनकी बेटियों के विवाह के लिए 30,000 रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया जाता है। ऐसे बुजुर्ग जिनके पास अपने निर्वाह का कोई साधन नहीं है उन्हें भी वित्तीय सहायता दी जाती है। 60-69 वर्ष के आयुवर्ग के लोगों को हर महीने 2,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है। अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/अल्पसंख्यक श्रेणियों के लाभार्थियों को 500 रुपये महीने अतिरिक्त दिये जाते हैं। ऐसे लोग जोे 70 साल या इससे अधिक उम्र के हैं उन्हें 2,500 रुपये मासिक वित्तीय सहायता दी जाती है। दिव्यांगजन पेंशन योजना के माध्यम से दिव्यांग लोगों को 2,500 रुपये मासिक की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अलावा राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना के तहत वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। इस योजना में लाभार्थियों को 20,000 रुपये की एकमुश्त सहायता दी जाती है।
  31. सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा का विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए सरकार ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसके अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये ‘सेफ्टीपिन’ के जरिए दिल्ली के विभिन्न स्थानों का नक्शा बनाया जाएगा।
  32. वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए सरकार ने ’‘मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना’’ 05.12.2018 को शुरू की। यह योजना 60 साल पूरा कर चुके वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। इसके अंतर्गत सरकार कुछ निर्धारित तीर्थस्थानों की यात्रा का इंतजाम करेगी और खर्चा उठाएगी।
  33. भारतीय सेना, दिल्ली पुलिस, अर्धसैनिक बल, होमगार्ड्स, दिल्ली अग्निशमन सेवा और सिविल डिफेंस के सदस्य जिनका कार्यवाही या युद्ध के दौरान या अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते समय देहान्त होता है, के परिवारों को मेरी सरकार ने एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला किया है।
  34. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को सरकार नौ छात्रवृत्ति योजनाओं के माध्यम से वजीफे देती है। इतना ही नहीं, ‘‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’’ के माध्यम से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले अनुसूचित जातियों के विद्यार्थियों के लिए पैनलबद्ध निजी कोचिंग संस्थानों में कोचिंग उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जातियों के ऐसेे विद्यार्थी जिनके परिवार की वार्षिक पारिवारिक आमदनी 6 लाख रुपये से अधिक नहीं है इस योजना के लिए पात्र हैं। कोचिंग कक्षाओं में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों को प्रतिमाह 2,500 रुपये की वृत्ति दी जाती है। वित्त वर्ष 2018-19 में इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जातियों के करीब 5,000 विद्यार्थियों को कोचिंग देने के लिए 24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  35. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक कल्याण विभाग सिविल विकास कार्यों के माध्यम से अनुसूचित जातियों की बस्तियों में सुधार की योजना लागू कर रहा है।
  36. मेरी सरकार ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ की नीति के प्रति प्रतिबद्ध है जिसके अंतर्गत झुग्गी-झोंपड़ी बस्तियों में रहने वालों को शहर के दूर-दराज इलाकों में पुनर्वासित करने की बजाय उनकी बस्तियों के आस-पास ही बसाया जा रहा है। इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि पुनर्वास वाली जगह उनकी बस्ती से पांच किलोमीटर से ज्यादा दूर न हो। इस नीति से जे.जे. बस्तियों के निवासी बिना किसी व्यवधान के अपनी आजीविका कमाते रहेंगे। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डी.यू.एस.आई.बी.) की इस तरह की पहली परियोजना अग्रिम स्तर पर है, जिसके अंतर्गत सुल्तानपुरी में 1,016 आवास आबंटित किये जाएंगे। इसके अलावा शहर के विभिन्न भागों में स्थित चार जे.जे. बस्तियों को द्वारका स्थानांतरित किया जाएगा, जिसके लिए लाॅटरी के जरिए फ्लैट्स का ड्राॅ निकाला जा चुका है। इसी उद्देश्य के तहत सरकार ने शहर में 4 स्थानों पर 5,594 बहुमंजिला ई.डब्ल्यू.एस. आवासों के निर्माण का कार्य भी प्रारंभ किया है। इन फ्लैटों का निर्माण 24 महीनों में पूरा हो जाएगा। डी.यू.एस.आई.बी. दिल्ली में सभी झुग्गीवासियों का मांग-सर्वेक्षण कार्य भी करेगा जिसके अंतर्गत 750 झुग्गी बस्तियों को शामिल किया जाएगा और पूरी तरह से निर्मित फ्लैटों में उनके पुनर्वास की योजना बनायी जाएगी। सर्वेक्षण के बाद उन्हें झुग्गी में रहने के सबूत के तौर पर प्रमाण-पत्र दिया जाएगा, जिससे फ्लैट पाने का उनका दावा साबित हो सकेगा। दिल्ली सरकार द्वारा 11.12.2017 को अधिसूचित दिल्ली स्लम और झुग्गी-झोंपड़ी पुनर्वास और पुनस्र्थापन नीति को हाल में ‘‘मुख्यमंत्री आवास योजना’’ का नाम दिया गया है।
  37. दिल्ली सरकार नागरिकों के कल्याण हेतु प्रतिबद्ध है। नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हो सकें, इसके लिए सरकार ने महीने में 400 यूनिट तक की बिजली की खपत करने वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली शुल्क में 50 प्रतिशत की सब्सिडी जारी रखी है। इसी तरह पानी के ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनके पानी के मीटर चालू हालत में हैं, हर महीने 20 किलोलीटर पानी की सप्लाई निःशुल्क प्राप्त कर रहे हैं। ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों में भी इस सुविधा का विस्तार किया गया है।
  38. शहर के लोगों की पानी की मांग सफलतापूर्वक पूरी की जा रही है। 1,337 अनधिकृत कालोनियों में जल आपूर्ति का विस्तार किया गया है। पानी की सप्लाई मंे सुधार और पानी के प्रदूषण की रोकथाम के लिए 108 कि.मी. लंबी पुरानी पानी की लाइनों को बदला गया है।
  39. दिल्ली में पानी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने भी 159 मौजूदा जलाशयों के जीर्णोद्धार और 5 नये जलाशयों के निर्माण का काम हाथ में लिया है।
  40. काॅरोनेशन पिलर के पास 79 एम.जी.डी. क्षमता के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का कार्य और कोंडली, रिठाला और ओखला में एस.टी.पी. की मरम्मत/क्षमता बढ़ाने का काम भी किया जा रहा है ताकि इनकी शोधन क्षमता अगले दो वर्षों में 607 एम.जी.डी. से बढ़कर 707 एम.जी.डी. की जा सके।
  41. सीवर लाइनों की वहन क्षमता में सुधार का कार्य जारी है। 167 कि.मी. लंबी परिधीय सीवर लाइनों का ट्रेंचलैस टेक्नोलाजी से उच्चीकरण किया जा रहा है ताकि वे 50 साल से भी अधिक समय तक कार्य कर सकें।
  42. 266 अनधिकृत काॅलोनियों में सीवरेज सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है और 355 में यह कार्य चल रहा है।
  43. पालम, बिजवासन, मटियाला, द्वारका, नजफगढ़, मुंडका, रिठाला और विकासपुरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की 162 काॅलोनियों में सीवर लाइनें बिछाने का काम भी शुरू किया जा रहा है और इसे चरणबद्ध तरीके से 2020 तक पूरा कर दिया जाएगा।
  44. यमुना की सफाई के लिए इंटरसेप्टर सीवर परियोजना का काम 92 प्रतिशत पूरा हो चुका है और नालों के करीब 110 एम.जी.डी. अवजल को नदी में पहुंचने से रोक कर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स में उसका शोधन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे स्थानों पर विकेन्द्रित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एस.टी.पी.) लगाने की योजना है जहां अब तक ये नहीं हैं।
  45. सरकार ने प्रत्येक विधानससभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एम.एल.ए.एल.ए.डी) को 10 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है ताकि विधायक अपने विधानसभा क्षेत्रों में अधिक विकासात्मक कार्य कर सकें।
  46. दिल्ली सरकार ने श्रमिकों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले के अन्तर्गत मार्च, 2017 में बढ़ायी गयी न्यूनतम मजदूरी को उन लोगों के लिये बहाल कर दिया है जिन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार ने सीधे अनुबंध के आधार पर न्यूनतम मजदूरी पर काम पर रखा था या जो ठेकेदारों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के विभिन्न कार्यों के लिए काम पर रखे गये थे। ऐसे सभी लोग 4 अगस्त, 2018 से पहले की दरों से मजदूरी का भुगतान प्राप्त करते रहेंगे।
  47. श्रमिकों और अन्य लोगों के कल्याण के लिए दिल्ली सरकार ने बाॅम्बे लेबर वैलफेयर फंड एक्ट, 1953 और दिल्ली लेबर वैलफेयर फंड रूल्स-1997 के प्रावधानों के अनुसार 12 जून, 2018 को जारी अधिसूचना के तहत दिल्ली श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन किया है। यह त्रिपक्षीय बोर्ड है जिसमें नियोक्ताओं, कर्मचारियों और सरकारी प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। बोर्ड को कामगारों और अन्य लोगों के फायदे के लिए विभिन्न कल्याण योजनाएं बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
  48.  दिनांक 21-22 जनवरी, 2019 को सरकार ने दिल्ली रोजगार मेला, 2019 का आयोजन किया। इस मेले में इंप्लायर्स और रोजगार तलाश रहे लोगों को एक-दूसरे से मिलने का मौका मिला। इससे आवेदनों को तेजी से निपटाया जा सका और उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिये गये। इससे रोजगार ढूंढ रहे बहुत से लोगों को फायदा हुआ।
  49. गांवों के विकास के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। वर्ष 2018-19 में 337 करोड़ रुपये लागत की 352 परियोजनाओं के लिए स्वीकृति दी गई  है।
  50. शहर के बुनियादी ढांचे को और उन्नत बनाया गया है। 05.11.2018 को सिग्नेचर ब्रिज को जनता के लिए खोल दिया गया। यह पुल भारत में केबल पर बना पहला एसिमिट्रिकल किस्म का पुल है। इससे उत्तरी दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बीच यात्रा करने में लगने वाले समय में कमी आयी है। इसके अलावा आई.टी.ओ. के पास स्काई वाॅक और फूट ओवरब्रिज को भी जनता के आने-जाने के लिए खोला गया। शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए बारापुला नाले पर एलीवेटेड रोड (द्वितीय चरण) को भी यातायात के लिए खोला गया। इससे रिंग रोड में सराय काले खां बस अड्डे के सामने वाहनों की भीड़भाड़ कम होगी और यात्रा में लगने वाले समय में 15 से 20 मिनट की कमी आएगी।
  51. सड़कों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई परियोजनाओं का काम भी आगे बढ़ रहा हैः-
    1. बारापुला-तृतीय चरण के तहत सराय काले खां से मयूर विहार तक एलीवेटेड सड़क का निर्माण; 
    2. बाहरी रिंग रोड़ पर मुनीरका से सेना अस्पताल तक एक ही फ्लाइओवर और बी.जे. मार्ग तथा अंदरूनी रिंग रोड के चैराहे पर अंडरपास का निर्माण;
    3. भैरों रोड-रिंग रोड के पुराना किला रोड के साथ जंक्शन वाले स्थान पर्र आइ.टी.पी.ओ. के नीचे टनल बनाने का कार्य।
  52. स्ट्रीट लाइट लगाने और अंधेरे स्थानों पर रोशनी की व्यवस्था करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने 3722 बिजली के खंभे लगाए और 6101 एल.ई.डी. बल्ब को रोशन करने के लिये बिजली का कनेक्शन दिया । इससे नागरिकों, खास तौर पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शहर भर में सीसीटीवी लगाने की मंजूरी दी गयी है।
  53. लोक निर्माण विभाग (पी.डब्ल्यू.डी.) इस साल 340 कि.मी. लंबी सड़कों को मजबूत बनाने का कार्य करेगा। इसके अलावा विभाग ने 500 कि.मी. सड़कों की लैंडस्केपिंग करने की भी योजना बनायी है। 35 फ्लाइओवरों के निचले हिस्से का सौन्दर्यकरण करने का कार्य भी शुरू किया गया है। पर्यावरण संरक्षण के उपाय के तौर पर लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर 16 कि.मी. लंबे साइकिल ट्रैक्स पर सोलर पैनल लगाने की एक नयी योजना परीक्षण के तौर पर प्रारंभ करने का प्रस्ताव है।
  54. बिजली की 7016 मेगावाट की उच्चतम मांग की इस वर्ष सफलतापूर्वक आपूर्ति की गयी है। पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 24.07.2018 को ‘‘मुख्यमंत्री किसान आय बढ़ोतरी सौर योजना’’ को और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 25.09.2018 को ‘‘मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा योजना’’ को मंजूरी दी।
  55. सरकार ने दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने का फैसला किया है। क्लस्टर बस योजना के तहत 1000 स्टैंडर्ड हाईट फ्लोर बसें शामिल करने के लिए समझौतों पर दस्तखत किये गये हैं। पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली उपलब्ध कराने के अपने वादे को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 1000 लो फ्लोर वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसें क्लस्टर योजना के तहत चलाने का फैसला किया है। इस निर्णय से दिल्ली इतने बड़े पैमाने पर बिजली से चलने वाली बसें संचालित करने वाला पहला राज्य बन गया है। इसके अलावा क्लस्टर योजना के तहत 1000 लो फ्लोर वातानुकूलित सीएनजी बसों को भी मंजूरी दी गयी है।
  56. इतना ही नहीं, सरकार ने मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार करने का फैसला किया है। सरकार ने दिल्ली मेट्रो के चैथे चरण को मंजूरी दे दी है जिससे दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क में 103.937 कि.मी. की वृद्धि होगी।
  57. सरकार ने मेट्रो के चैथेे चरण के लिए संशोधित फंडिंग योजना को मंजूरी दे दी है जिसके अनुसार सरकार चैथे चरण की कुल परियोजना लागत में से 9707.50 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगी। यह भी फैसला किया गया है कि दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) मेट्रो गलियारा सं. 1, 2 और 3 के एलीवेटेड खंडों के ऊपर एलीवेटेड सड़कें भी बनाएगी जिसकी लागत दिल्ली सरकार वहन करेगी।
  58. सुशासन की दिशा में एक और कदम के रूप में मेरी सरकार ने जनसेवाओं को लोगों के द्वार पर ही उपलब्ध कराने के कार्यक्रम के तहत 40 सेवाओं की शुरुआत की है। इसमें अब 30 और सेवाओं को भी शामिल किया जाएगा। इससे नागरिकों को बार-बार सरकारी दफ्तरों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा और ये सेवाएं उन्हें घर बैठे उपलब्ध हो जाएंगी।
  59. सरकार ने शहर के पर्यावरण को सुधारने और प्रदूषण की रोकथाम पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है। इस संबंध में कई कार्य किये गये हैं, जिनमें वायु प्रदूषण की लगातार निगरानी करना, ग्रेडेड रिस्पाॅन्स एक्शन प्लान (जी.आर.ए.पी.) का अमल, वृक्षारोपण अभियान, पीएनजी का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों को सब्सिडी और भोजनालयों को कोयले वाले तंदूर के स्थान पर गैस वाले तंदूर अपनाने पर प्रोत्साहन शामिल हैं। इतना ही नहीं, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डी.पी.सी.सी.) ने 29.6.2018 को एक अधिसूचना जारी की जिसके अंतर्गत दिल्ली में केवल अनुमोदित ईंधन के इस्तेमाल की ही इजाजत होगी। दिवाली के उत्सव के दौरान वायु की गुणवत्ता में गिरावट की रोकथाम के लिए पटाखों पर पाबंदी पर अमल किया गया। वायु प्रदूषण में वैज्ञानिक तरीके से कमी लाने के लिए कई पहलुओ का अध्ययन करने के बाद 2018-19 के बजट में ग्रीन बजट की शुरुआत की गयी । विभिन्न विभागों के 26 कार्यक्रम एवं परियोजनाओं को ग्रीन बजट में सम्मिलित किया गया। जल प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए विभिन्न औद्योगिक इकाइयों, होटलांे आदि में अवजल उपचार संयंत्र (ई.टी.पी.) स्थापित किये गये हैं। औद्योगिक इलाकों से निकलने वाले गंदे पानी के शोधन के लिए 13 र्सी.इ.पी.टी. लगाए गये।
  60. माननीय अध्यक्ष महोदय तथा सम्माननीय सदन के सदस्यगण मैंने आपके समक्ष अपनी सरकार के कुछ कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया है। वित्त मंत्री अपने बजट भाषण में इस पर विस्तृत प्रकाश डालेंगे।
  61. मैं, सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ और यह आशा करता हूँ कि सत्र के दौरान सभी विषयों पर सार्थक चर्चा होगी।

जय हिन्द !

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