उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने हाल में शांतिपूर्वक संपन्न हुए रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस की सराहना की है।

मुख्य पृष्ठ/ मीडिया में/ प्रेस विज्ञप्ति/ उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने हाल में शांतिपूर्वक संपन्न हुए रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस की सराहना की है।
12-04-2023

उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने हाल में शांतिपूर्वक संपन्न हुए रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस की सराहना की है। इन त्योहारों के दौरान उपराज्यपाल स्वयं लगातार विधि व्यवस्था का जमीनी स्तर पर जायजा ले रहे थे। गौरतलब है कि विगत वर्षों में इन उत्सवों के दौरान दिल्ली में माहौल तनावपूर्ण हो जाता था लेकिन इस बार पूरी तरह से शांति बनी रही। किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने सहज और सक्रिय संवाद के जरिए स्थानीय समुदायों से जुड़ाव को सुनिश्चित किया।  इसके साथ ही उपराज्यपाल सचिवालय को हर घंटे के आधार पर स्थिति की जानकारी दी गई थी। 

देश भर में 30 मार्च को रामनवमी और 6 अप्रैल को हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई गई थी। अन्य राज्यों में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं जरूर देखी गईं। लेकिन दिल्ली में शांति व्यवस्था कायम रही। हालांकि पिछले साल 10 अप्रैल को रामनवमी और 14 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर कुछ अप्रिय घटनाएं घटी थी। 

दिल्ली में रामनवमी के दौरान जुलूसों की संख्या 2022 में 22 थी जो इस साल बढ़कर 52 हो गई। जुलूस में भाग लेने वाले और प्रतिभागियों की संख्या भी 6,100 से बढ़कर 27,500 हो गई। इसी तरह, दिल्ली में हनुमान जयंती पर जुलूसों की कुल संख्या 2022 में 17 थी जो इस साल बढ़कर 51 हो गई और प्रतिभागियों की संख्या 5,550 से बढ़कर 35,700 हो गई। 

दिलचस्प बात यह है कि 2022 की तुलना में 2023 में जुलूसों और प्रतिभागियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। लेकिन इस साल किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। प्रतिभागियों की संख्या में वृद्धि विशेष रूप से उत्तर पश्चिम, उत्तर पूर्व और दक्षिण पूर्व के जिलों में देखी गई, जो सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील हैं और इन इलाकों में अतीत में सांप्रदायिक हिंसा का इतिहास रहा है। 

उपराज्यपाल ने उम्मीद जताई है कि जिस तरह इस साल शहर में सांप्रदायिक सद्भाव कायम रहा है वह आगे भी बरकरार रहेगा और दिल्ली पूरे देश के लिए एकता के रोल मॉडल के रूप में विकसित होगी। 

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