- उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पूर्वी दिल्ली के संजय झील में जीर्णोद्धार और कायाकल्प के लिए हो रहे कार्य की समीक्षा की।
- संजय झील में गाद निकालने का लगभग 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है. एलजी ने 30 जून तक ड्रेजिंग (तलछटी में जमा कीचड़) व डी-सिल्टिंग (गाद को हटाने) के कार्य को हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
- संजय झील को 2.5 मीटर गहरा करने से जल धारण की क्षमता 5.3 करोड़ लीटर हो जाएगी।
उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आज पूर्व दिल्ली में डीडीए के संजय झील का दौरा किया और झील को पुनर्जीवित करने के लिए तलछटी में जमे कीचड़ और गाद को निकालने संबंधी कार्यों का जायजा लिया। इससे पहले उपराज्यपाल ने 5 नवंबर 2022 को भी संजय झील दौरा किया था और झील को पुनर्जीवित करने के लिये दिशा निर्देश दिए थे। संजय झील में गाद को निकालने का लगभग 60 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। झील में हो रहे कार्यो पर उपराज्यपाल ने संतोष व्यक्त किया लेकिन मॉनसून आने से पहले अधिकारियों से 30 जून इस जल इकाई को पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उपराज्यपाल ने अपने पहले दौरे में झील को 2.5 मीटर तक गहरा करने के निर्देश दिए थे। इससे पहले यह झील पूरी तरह से गाद से भर गया था जिसके कारण जलधारण की क्षमता सिर्फ 25 प्रतिशत तक रह गई थी।
समीक्षा के दौरान, उपराज्यपाल ने पाया कि पूर्व में उनके द्वारा संजय झील के कायाकल्प को लेकर जो निर्देश डीडीए को दिए गए थे, उन कार्यों को भलीभांति पूरा किया जा रहा है। इसके अंतर्गत झील की सफाई, झील से गाद निकालने का काम, मरम्मत और रखरखाव, मृत पेड़ों को हटाने जैसे कामों को निष्पादित किया जा रहा था। एलजी को बताया गया कि उनके निर्देश पर संजय झील के समांतर चल रहे NH-24 और कई अन्य आस-पास के रिहायाशी क्षेत्रों में बारिश के पानी को संजय झील में चैनलाइज करने के लिए नई पाइपलाइन बिछाई जा रही हैं। इससे मानसून के दौरान आसपास की कॉलोनियों में जलजमाव की समस्या नहीं होगी। उपराज्यपाल ने अपने पिछले दौरे में मानसून के दौरान रिहाइशी कॉलोनियों को जलजमाव से मुक्त रखने के लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। अपने विशेष निर्देश में उन्होंने यह भी कहा कि बारिश के पानी को संजय झील की तरफ मोड दिया जाए। साथ ही आस पास के कुछ रिहाइशी इलाकों से झील में होने वाले सीवेज डिस्चार्ज को भी पूरी तरह रोक दिया गया है जिससे पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा और जलीय वनस्पति और जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव कम होगा।
172 एकड़ भूमि में फैली संजय झील पूरे पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में सबसे बड़ी हरित संपत्ति है और इसमें 54 एकड़ का संजय झील इस पार्क की सबसे बड़ी विशेषता है। जब इस झील की औसत गहराई 2.5 मीटर हो जाएगी तो यह झील लगभग 5.3 करोड़ लीटर पानी धारण करने में सक्षम होगी। एलजी ने डीडीए को एक सप्ताह के भीतर कायाकल्प योजना तैयार करने और मॉनसून आने से पहले ड्रेजिंग और डी-सिल्टिंग का काम पूरा करने के निर्देश जारी किए. इस कदम से भूजल को एक साथ रिचार्ज करने और प्राकृतिक रूप से झील का कायाकल्प होने में मदद होगा।
उल्लेखनीय है कि एलजी ने भूजल को रिचार्ज करने, दिल्ली को अपनी पानी की जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर बनाने और राष्ट्रीय राजधानी के लिए ब्लू-ग्रीन संपत्ति बनाने के अपने प्रयासों के तहत जल निकायों के जीर्णोद्धार और कायाकल्प को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इन प्रयासों के तहत रोशनआरा बाग में जलाशय का कायाकल्प, प्राचीन अनंग ताल बावली का जीर्णोद्धार, बाँसेरा में 03 जल निकायों का विकास, भलस्वा झील का कायाकल्प, असिता ईस्ट में जल इकाई का निर्माण आदि जैसे कई कदम हाल के दिनों में उठाए गए हैं।
इसके अलावा, द्वारका क्षेत्र में एयरपोर्ट ड्रेन व 05 जल निकायों का निर्माण जोरों पर चल रहा है। जब यह निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा तो मानसून के समय एयरपोर्ट की तरफ से आने वाले ओवरफ्लो पानी को इन जल निकायों में स्टोर किया जा सकता है। इससे द्वारका और आईजीआई एयरपोर्ट पर जल जमाव की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा, उत्तर पूर्वी दिल्ली में गढ़ी मांडू के पास यमुना बाढ़ग्रस्त मैदानों में 03 जल निकाय विकसित किए जा रहे हैं। ये निकाय जल संरक्षण कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। साथ ही उपराज्यपाल की देखरेख में असोला भाटी माइंस के गड्ढों का जल संरक्षण के लिए उपयोग करने की व्यवहार्यता का भी पता लगाया जा रहा है।
संजय झील के दौरे के दौरान एलजी ने स्थानीय लोगों के साथ भी संवाद किया। आगंतुकों ने पार्क में बढ़ाई गई सुविधाओं और संजय झील के कायाकल्प के लिए उपराज्यपाल की प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद दिया। अपने पिछले दौरे में एलजी ने डीडीए को पार्क में लगभग 5 एकड़ के हिस्से को बच्चों के लिए एक अलग मार्ग के साथ प्लेग्राउंड के रूप में चिह्नित करने के के निर्देश दिए थे। डीडीए द्वारा एलजी के निर्देश का पालन किया गया था। एलजी को यह देखकर बेहद खुशी हुई कि सैकड़ों बच्चे उस सेगमेंट में विभिन्न खेल खेल रहे हैं।
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