दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी के सक्सेना ने आज, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमति रेखा गुप्ता के साथ दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Delhi Disaster Management Authority- DDMA) की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा और उनका मूल्यांकन कि

मुख्य पृष्ठ/ मीडिया में/ प्रेस विज्ञप्ति/ दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी के सक्सेना ने आज, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमति रेखा गुप्ता के साथ दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Delhi Disaster Management Authority- DDMA) की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा और उनका मूल्यांकन कि
12-03-2025
  • DDMA की बैठक

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  • दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी के सक्सेना ने आज, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमति रेखा गुप्ता के साथ दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Delhi Disaster Management Authority- DDMA) की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा और उनका मूल्यांकन किया गया:

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  • दिल्ली में आपदा से होने वाले खतरों का आकलन और जोखिम मूल्यांकन।

  • भूकंप की स्थिति में तैयारी की योजना।

  • शहरी बाढ़।

  • अत्यधिक गर्मी के घटनाएं और इससे संबंधित राज्य हीट एक्शन योजना 2025

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  • उपराज्यपाल दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष और दिल्ली की मुख्यमंत्री इसकी उपाध्यक्ष हैं। 

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  • बैठक की शुरुआत में ही इस बात पर जोर दिया गया कि DDMA बुनियादी ढांचे, जनशक्ति और तकनीक के मामले में काफी कमजोर है, और दिल्ली, देश के उन कुछ राज्यों में से एक है, जिसके पास अपना खुद का राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (State Disaster Response Force (SDRF) नहीं है। दिल्ली में कमांड और कंट्रोल सेंटर (CCC) का भी अभाव है, जिससे आपदा के समय एकीकृत और सटीक प्रतिक्रिया असंभव हो जाती है।

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  • इसके लिए, उपराज्यपाल ने अधिकारियों को जल्द से जल्द भूमि/भवन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे लॉजिस्टिक्स से जुड़े मुद्दों को हल करें, जिन्हें पिछली सरकार द्वारा उपेक्षित रखा गया था। इस बारे में NDMA,  DDMA के जीर्णोद्धार और पुनर्गठन तथा CCC की स्थापना में सभी आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है।

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  • भूकंपीय क्षेत्र-IV में स्थित होने तथा हाल ही में 18 फरवरी, 2025 को आए भूकंप के कारण, एक व्यापक शमन और रोकथाम रणनीति अनिवार्य हो गई है। इसके अलावा, शहर में क्षेत्रों के माइक्रोजोनेशन ने एक तस्वीर पेश की है, जिसमें यमुना केकिनारे, उत्तर, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली की  घनी आबादी वाली अधिकांश कॉलोनियां भूकंप के अत्यधिक संभावित क्षेत्रों में आती हैं।

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  • इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि इन क्षेत्रों में अधिकांश अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जहां बहुत छोटी प्लाटों में चार-पांच मंजिला इमारतें बनीं हैं, जिनकी संरचनात्मक सुरक्षा गंभीर चिंता का विषय है। 

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  • इसके अलावा, बैठक में  लू और उसके कारण लोगों को होने वाली कठिनाइयों तथा मानसून के दौरान बाढ़ का मुद्दा भी उठाया गया, जिससे यह रेखांकित हुआ कि नई सरकार द्वारा इन प्रमुख मुद्दों को कितना महत्व दिया गया है। 

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  • आगामी ग्रीष्म ऋतु और उसके बाद के मानसून के मौसम से काफी पहले आयोजित इस बैठक में, विभिन्न पहलुओं से संबंधित निवारक, उपचारात्मक और आपातकालीन उपायों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें अत्यधिक गर्मी और बाढ़ की स्थिति में जल की उपलब्धता और वितरण प्रबंधन, नालियों और सीवर लाइनों की सफाई, जल निकासी प्रबंधन, अपेक्षित उपकरणों की स्थापना आदि शामिल थे। 

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  • भूकंप की तैयारियों के संबंध में बैठक में अस्पतालों, तत्काल राहत के लिए स्कूली इमारतों की पहचान, अग्निशमन केंद्र, गैस, पानी, बिजली आपूर्ति लाइनों और मेट्रो को retrofitting कर भूकंपरोधी बनाए jaane पर विचार-विमर्श किया गया।

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  • विशेष रूप से अनाधिकृत कॉलोनियों में बड़े पैमाने पर रेट्रो फिटमेंट, इमारतों को भूकंपरोधी बनाने के लिए सक्रिय जन भागीदारी और भूकंप की स्थिति में नागरिक सुरक्षा, होमगार्ड और आपदा राहत स्वयंसेवकों की तैनाती पर भी विचार-विमर्श किया गया।

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  • ग्रीष्म कालीन कार्य योजना 2025 (Summer Heat Action Plan 2025) और बाढ़ प्रबंधन के मुद्दे पर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से एक माह के भीतर व्यापक कार्य योजना प्रस्तुत करने और उसे क्रियान्वयन के लिए पहले से तैयार रखने का निर्देश दिया है। 

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