- फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में लंबिंत मामले स्वीकार्य नहीं है: उपराज्यपाल
- उपराज्यपाल ने अधिकारियों को मामलों की लंबित सूची एवं इसके समयबद्ध निपटान की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए- वह इनकी व्यक्तिगत निगरानी करेंगे।
उपराज्यपाल श्री वी.के. सक्सेना ने आज फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) के कार्यों एवं उनकी प्रगति की समीक्षा की। 20,000 से अधिक मामलों की रिपोर्ट अब तक लंबित होने पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह इस समस्या को हल करने के लिए हर प्रकार की तकनीकी तथा मानविक क्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठायें ताकि लंबित पड़े मामलों का निपटान जल्द से जल्द किया जा सके।
श्री सक्सेना ने रिक्त पड़े विभिन्न तकनीकी पदों का संज्ञान लेते हुए उन्हे जल्द से जल्द भरने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिए कि एफएसएल के जैसी अन्य एजेंसियों/सगठनों से सेवानिवृत्त तकनीकी कर्मियों, को एक अंतरिम एवं अस्थाइ रूप से तत्काल बहाल किया जाए ताकि लंबित मामलों का निपटान हो और उनकी रिपोर्ट सौंपी जा सके। उन्होंने कहा कि एफएसएल न केवल एक सरकारी विभाग के रूप में न देखते हुए खुद को एक अलग नजरीए से देखे, क्यों कि उस पर न केवल न्याय दिलाने बल्कि हजारों अन्य लोगों की जिंदगी एवं उम्मीदें निर्भर करती हैं।
उपराज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी उठाएं ताकि जिन लोगों का भविष्य उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों पर निर्भर करता है, उनको समय रहते न्याय मिल सके। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी SOPऔर प्रक्रियाओं का सावधानीपूर्वक पालन किया जाए और प्रौद्योगिकी क्षमता वाली स्वचालित प्रणालियों का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए ताकि मानविक हस्तक्षेप जो कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, कम से कम हो।
उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि वह सभी लंबित मामलों के निपटान और प्रगति की निगरानी खुद करेंगे। उपराज्यपाल ने ऐसे सभी मामलों की एक सूची मांगी जिसमें लंबित मामले पहली बार एफएसएल के पास कब आये और अब उनका निपटान कब तक किया जाएगा, का विस्तृत ब्यौरा हो। यह सूचित किए जाने पर कि कई मामलों में पुलिस द्वारा अंतिम रिपोर्ट नहीं लिए जाने के कारण भी देर होती है, उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया कि वह इस मसले का हल मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त के साथ बैठक कर जल्द से जल्द निकालेंगे।
उपराज्यपाल ने एफएसएल को फोरेंसिक साइंसेज के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट और प्रतिष्ठित संसाधन केन्द्र के रूप में स्थापित करने का आवाह्न किया जहां विभिन्न स्तरों के पुलिस कर्मियों के लिए प्रशिक्षण माड्यूल विकसित करने के साथ-साथ देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों/संस्थानों के फोरेंसिक साइंस के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण इंटर्नशिप की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। संस्थान को और मजबूत करने के लिए श्री सक्सेना ने अधिकारियों को आइआईटी-दिल्ली और राष्ट्रीय फोरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय, अहमदाबाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ गठजोड़ करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल एसएफएल दिल्ली की गुणवत्ता बढ़ानें में मद्द मिलेगी, बल्कि साइबर फोरेंसिक से जुड़े मामलों से निपटने में आवश्यक नवीनतम तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त करने में भी मद्द मिलेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सार्क और आसियान देशों में एसएफएल जैसे संस्थानों के साथ सहयोग और गठजोड की संभावना का भी पता लगाया जाए।
श्री सक्सेना ने एफएसएल को आंतरिक संसाधन बढ़ाने एवं आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए आम लोगों और उद्योगों को अपनी विशेषज्ञता उपलब्ध कराने का सुझाव दिया।
बैठक में अन्य लोगों के अलावा मुख्य सचिव, गृह सचिव, दिल्ली और एफएसएल के निदेशक भी शामिल थे।
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