400 साल पुराना रोशनआरा बाग अपने पुराने गौरव को फिर से हासिल करेगा: उपराज्यपाल

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18-06-2022
  • 400 साल पुराना रोशनआरा बाग अपने पुराने गौरव को फिर से हासिल करेगा: उपराज्यपाल
  • पुनर्निमित झील, नर्सरी, वाक-वे और हरियाली के साथ रोशनआरा बाग उत्तरी दिल्ली का शान बनेगा जो कि लोधी गार्डन और नेहरू पार्क की बराबरी करेगा-अक्टूबर अंत तक कार्य पूरा होगा।

उपराज्यपाल श्री वी.के. सक्सेना ने आज दिल्ली नगर निगम के अधीन उत्तरी दिल्ली के 400 साल पुराने एतिहासिक रोशनआरा बाग का दौरा किया एवं निर्देश दिये कि तीन माह के भीतर वहां चिन्ह्ति 8.5 एकड जमीन अन्य पौधों के अलावा  दुर्लभ और एक्सोटिक पौधों और फूलों की विश्व-स्तरीय नर्सरी विकसित की जाये। उन्होंने मलबा और सी एंड डी वेस्ट हटाकर इस पर आज से ही काम शुरू करने के निर्देश दिये। इस नर्सरी से शहर भर में पौधरोपण के लिए न केवल सालाना 3 लाख पौधे उपलब्ध होंगे बल्कि दिल्ली के आम लोगों को कम दाम में ऐसे पौधे उपलब्ध हो सकेंगे।

3.8 एकड़ परिसर में फैली मृत झील जो कि सिल्ट और जंगली घासफूस से भरी हुई है के पुनर्विकास के कार्यों की शुरूआत करते हुए उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस झील का पुराना गौरवशाली स्वरूप बहाल किया जाए। श्री सक्सेना ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि इसकी खुदाई एवं सफाई कम से कम चार मीटर तक की जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाये कि यह एक प्राकृतिक जल निकाय के रूप में रूप में विकसित हो, ताकि यह न केवल आगंतुकों का आकर्षण बने बल्कि एक ईको-सिस्टम के रूप में भी विकसित हो जो झील में बहाल द्वीप के साथ-साथ विभिन्न वनस्पतियों और जीवों का संरक्षण और संवर्द्धन करता हो।

यह रेखांकित करते हुए कि बारिश का पानी तालाब को भरने में पर्याप्त नहीं होगा, उपराज्यपाल ने निर्देश दिये कि आसपास के क्षेत्र जैसेः- रोशनआरा रोड़, शक्ति नगर, कमला नगर और अंधा मुगल जो कि बाढ़ और जलजमाव से ग्रसित रहते हैं और बाग के कैचमेंट में हैं उनका पानी चैनलों और पाइपलाइनों के माध्यम से झील में लाया जाये। जो मिट्टी झील की सतह से निकलेगी उससे झील के चारों ओर 4 मीटर ऊॅचा बांध बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे बने तटबंधों को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए भलस्वा लैंडफिल साईट से लाकर सी एंड डी वेस्ट का उपयोग किया जाए। इससे जहां एक ओर लैंडफिल साईट पर बोझ कम होगा वहीं यह भी सुनिश्चित होगा कि बांध की मिट्टी दुबारा झील में वापस नहीं जाएगी। उन्होंने निर्देश दिये कि यह कार्य एक माह की भीतर पूरा कर लिया जाये।

इस क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए उन्होंने अधिकारियों को 57 एकड़ भूमि में फैले रोशनआरा बाग को पारिस्थितिक एवं प्राकृति उद्यान के रूप में समृद्ध और पुनर्विकसित करने के निर्देश दिये ताकि इसका प्रारूप लोधी गार्डन या नेहरू पार्क जैसा हो सके।

श्री सक्सेना ने सब्जीमंडी, घंटाघर, शक्ति नगर, कमला नगर और मल्कागंज जैसे कंक्रीट के इलाकों के कटरों और गलियों के मध्य स्थित अब तक उपेक्षित रोशनआरा बाग, को एक महत्वपूर्ण एवं समृद्ध विरासत बताते हुए निर्देश दिये कि यहां पैदल मार्ग बनाए जायें, पेड़ों की कटाई-छंटाई कर उन्हें आकार दिया जाए और मिट्टी एवं जलवायु के अनुरूप साइंटिफिक प्लांटेशन और लैंड स्केपिंग सुनिश्चित किया जाये, ताकि यह न केवल आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे शहर का पसंदीदा स्थल बने। पुनिर्विकसित उद्यान पर्यावरण के  अनुकल हो और उसमें लोगों के लिए जन-सुविधाएं, भोजन की व्यवस्था और मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध हो।

श्री सक्सेना ने जोर देकर कहा कि रोशनआरा बाग परिसर के पुनर्विकास, पुर्नोद्धार  और कायकल्प का पूरा काम इस वर्ष अक्टूबर के अंत तक पूरा कर लिया जाए।

उपराज्यपाल जो राजधानी की पर्यावरण संबंधी समस्याओं को चिन्हित कर उनसे तत्काल निपटने पर निरंतर जोर देते रहे हैं, ने पुनः दोहराया कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि हर मृत अथवा अतिक्रमित जल निकाय, पार्क, हरित क्षेत्र, और उद्यान आदि का पुनर्विकास, पुर्नोत्थान किया जाए ताकि दिल्ली बगीचों और फूलों का शहर बन सके। इस दौरे में औरों के अलावा विशेष अधिकारी, दिल्ली नगर निगम, आयुक्त, दिल्ली नगर निगम एवं दिल्ली नगर निगम के इंजीनियर और बागवानी विभाग के प्रमुख भी शामिल थे।

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